जैव विविधता (Biodiversity) दो शब्दों से मिलकर बना है: 'जैव' (जीवन) और 'विविधता' (विभिन्नता)।
सरल शब्दों में इसका अर्थ है: "पृथ्वी पर पाए जाने वाले सभी प्रकार के जीवों, वनस्पतियों, जीव-जंतुओं और सूक्ष्मजीवों की बहुलता और उनमें पाई जाने वाली भिन्नता।"
इसे समझने के लिए हम इसे तीन मुख्य स्तरों में विभाजित करते हैं (यह आपकी क्विज के लिए बहुत महत्वपूर्ण है):
1. आनुवंशिक विविधता (Genetic Diversity)
जब एक ही प्रजाति के जीवों में उनके जीन (Genes) के कारण अंतर होता है।
उदाहरण: आम तो एक ही फल है, लेकिन उसकी कई किस्में होती हैं (दशहरी, लंगड़ा, तोतापरी)। या इंसानों में कोई लंबा है, कोई छोटा, किसी का रंग गोरा है तो किसी का साँवला। यह आनुवंशिक विविधता है।
2. प्रजाति विविधता (Species Diversity)
जब किसी एक क्षेत्र में अलग-अलग प्रकार के जीव-जंतु पाए जाते हैं।
उदाहरण: एक जंगल में शेर, हिरण, खरगोश, बंदर, और विभिन्न प्रकार के पक्षी एक साथ रहते हैं। प्रजातियों की यह भिन्नता ही प्रजाति विविधता है।
3. पारिस्थितिकीय विविधता (Ecosystem Diversity)
यह आवासों (Habitats) की विविधता है। पृथ्वी पर अलग-अलग तरह के वातावरण पाए जाते हैं।
उदाहरण: कहीं घना वर्षावन है, कहीं सूखा रेगिस्तान है, कहीं समुद्र है, तो कहीं बर्फीले पहाड़ हैं। हर जगह का वातावरण अलग है और वहां रहने वाले जीव भी अलग हैं।
परीक्षा के लिए कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
शब्द का जनक: 'बायोडायवर्सिटी' (Biodiversity) शब्द का प्रयोग सबसे पहले वाल्टर जी. रोसेन (Walter G. Rosen) ने 1985 में किया था।
महत्व: जैव विविधता जितनी अधिक होगी, हमारा पर्यावरण (पारिस्थितिकी तंत्र) उतना ही मजबूत और स्थिर होगा। अगर जैव विविधता खत्म होगी, तो खाद्य शृंखला (Food Chain) टूट जाएगी और मानव जीवन खतरे में पड़ जाएगा।
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