अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) हर वर्ष 21 जून को मनाया जाता है। यह दिन योग के लाभों के प्रति वैश्विक जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है।
इतिहास -
- मोदी जी ने 27 सितंबर 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए योग के महत्व को रेखांकित किया और एक अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की पहल की।
- इसके बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा के 193 में से 177 सदस्य देशों ने इस प्रस्ताव (जो संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतिहास में अभी तक हुए किसी भी संकल्प में सर्वाधिक प्रस्तावकों की संख्या है) का समर्थन किया — जो किसी यूएन प्रस्ताव के लिए असाधारण माना जाता है। भारत के इस प्रस्ताव को 90 दिन के अन्दर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया, जो किसी प्रस्तावित दिवस को संयुक्त राष्ट्र संघ में पारित करने के लिए सबसे कम समय है।
- संयुक्त राष्ट्र के द्वारा ' अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस' से पहले भी औपचारिक व अनौपचारिक योग शिक्षकों और कुछ उत्साही लोगों के समूह के माध्यम से 21 जून के अलावा भी अन्य दिनों पर विश्व योग दिवस को विभिन्न कारणों के समर्थन में मनाया गया था। दिसंबर 2011 में, अंतर्राष्ट्रीय मानवतावादी, ध्यान और योग गुरु श्री श्री रविशंकर और अन्य योग गुरुओं ने पुर्तगाली योग परिसंघ के प्रतिनिधि मण्डल का समर्थन किया और 21 जून का दिन दुनिया के लिए एक योग दिवस के रूप में घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र को सुझाव दिया था।
पहला योग दिवस -
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21 जून 2015 को पहली बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया।
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इसे नई दिल्ली के राजपथ पर मनाया गया, जहां लगभग 35,000 लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ योग किया।
21 जून का महत्व -
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21 जून उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है। इस दिन कर्क रेखा पर सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं।
योग के लाभ -
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शारीरिक स्वास्थ्य – लचीलापन, शारीरिक अंगों में ताकत, उत्तम सांस प्रणाली।
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मानसिक स्वास्थ्य – तनाव कम करता है, एकाग्रता बढ़ाता है।
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आध्यात्मिक विकास – आत्म-अन्वेषण और शांति की ओर ले जाता है।
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जीवनशैली – अनुशासित, संतुलित और सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करता है।
थीम (विषय) -
- हर वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की एक विशेष थीम होती है। 2025 के अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की औपचारिक वैश्विक थीम है - “Yoga for One Earth, One Health” (एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग)
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यह थीम भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 मार्च 2025 को अपनी “मन की बात” रेडियो कार्यक्रम में उजागर की थी, और इसे भारत की G20 अध्यक्षता के संदेश से भी जोड़ा गया है।
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यह पाठ हमें व्यक्तिगत स्वास्थ्य (One Health) के साथ-साथ पर्यावरणीय संरक्षण और सस्टेनेबिलिटी (One Earth) की जिम्मेदारी का अनुभव कराता है।
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योग केवल सांस-आसन या व्यायाम नहीं, बल्कि हमारे और पृथ्वी के स्वास्थ्य में एक गहरा सम्बन्ध स्थापित करने वाली दृष्टि है—"वसुधैव कुटुंबकम" के सिद्धांत को व्यावहारिक रूप से मूर्त रूप देती है।
- 2015 से 2025 तक की थीम्स -
इसे कैसे मनाया जा सकता है?
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समष्टिगत योग सत्र - स्कूलों, कार्यालयों, गांवों में योगाभ्यास।
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प्रकृति में योग - हरित क्षेत्रों और प्राकृतिक वातावरण में योग आयोजन — ताजगी के साथ जुड़ाव का अनुभव।
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शैक्षिक अभियान - योग के स्वास्थ्य और पर्यावरणीय लाभों पर कार्यशालाएं, वेबिनार और सोशल मीडिया अभियान।
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स्थानीय पहल - वृक्षारोपण के साथ योग; "एक पौधा लगा, एक आसन किया" जैसी थीम से लोगों को प्रेरित करना चाहिए।
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