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श्रीकृष्ण सिखाते हैं ये जीवन कौशल, लेखक - शक्ति पटेल

श्रीकृष्ण सिखाते हैं ये जीवन कौशल
लेखक - शक्ति पटेल (राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक)

आज से लगभग पाँच हजार वर्ष पूर्व द्वापर में अपने मामा कंस के बंदीगृह में एक ऐसे युगपुरुष का जन्म हुआ, जिन्होंने न केवल कंस जैसे राजा का वध किया वरन समाज को नीति, योग, कर्म, सदाचरण और जीवन कौशलों का ज्ञान और उपदेश भी दिया।   उन महापुरुष का नाम है - श्रीकृष्ण। कृष्ण वह नाम है जिसके उच्चारण मात्र से हृदय में प्रेमभाव स्पंदित होने लगता है। यद्यपि श्रीकृष्ण भगवान विष्णु के अवतार के रूप में माने जाते हैं, परंतु वे महापुरूष और कल्याणकर्ता के रूप में भी जगत में वंदनीय हैं।

कृष्ण का जीवन आरंभ से ही संघर्षमय रहा है परंतु उन्होंने अपने जीवन को उचित प्रबंधन कौशल के आधार पर सार्थक किया है और मनुष्य को प्रेरणा देकर कल्याण के निमित्त कर्तव्य मार्ग पर चलने के लिए निर्देशित किया है। 

कृष्ण के जीवन से संबन्धित घटनाएँ और लीलाएं मानव को अनेक कौशलों को सीखने वाली हैं। सुदामा जैसे निर्धन मित्र के चरण धोने की बात जहां मित्रता निभाने की शिक्षा देती है, वहीं पूतना जैसी राक्षसी द्वारा विषयुक्त दूध पिलाने पर भी उसे माता मानकर सद्गति प्रदान करने की घटना क्षमाशीलता और दयालुता की शिक्षा देने वाली है।

गीता में दिया गया "कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन्" का संदेश, जो कि दुनिया के लिए महासंदेश माना जाता है; हमें फल की चिंता किए बिना निरंतर कर्म करने की प्रेरणा देता है। जगत के स्वामी होने के बाद भी श्रीकृष्ण ने युद्धभूमि में अर्जुन का सारथी बनकर मानव जाति को यह संदेश दिया है कि जगत के कल्याण के लिए हमें कोई भी कार्य करना पड़े तो निःसंकोच उस कार्य को करना चाहिए ।

हृदय से उपजी भावनाओं को स्वीकार करना भी मनुष्य होने का प्रमुख गुण है। आशय यह है कि किसी व्यक्ति की सच्ची भावनाओं को प्रत्येक व्यक्ति को स्वीकार करना चाहिए। गोपियों और गोकुलवासियों की भावनाओं का सम्मान करके तथा प्रेम का आदर करके उन्होंने इस बात को सार्थक सिद्ध किया ताकि समाज में प्रेमधारा प्रवाहित होती रहे। गोवर्धन पूजन के अवसर पर बिना अहंकार के गोकुलवासियों की रक्षा करना स्वजनों की रक्षा के लिए प्रेरणा देती है। 

कृष्ण ने हमेशा धर्म और समाज को सर्वोपरि माना। उन्हें समाज के लिए परिवार और वृंदावन के स्नेही स्वजनों को छोड़ना पड़ा। इस प्रकार यह कार्य समाज के प्रति  अपना कर्तव्य ऊपर रखने की प्रेरणा देता है।

इस प्रकार श्रीकृष्ण के जीवन से मिलने वाली शिक्षाएँ प्रत्येक व्यक्ति के लिए अनुकरणीय हैं। स्वजागरूकता, समानुभूति, तनाव प्रबंधन, भावनात्मक प्रबंधन, समस्या समाधान, रचनात्मक चिंतन, भाषायी कौशल आदि सभी सीखने के लिए श्रीकृष्ण एक प्रेरक के रूप में हैं। विद्यार्थियों के लिए भी श्रीकृष्ण की जीवनशैली अनुकरणीय है।

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लेखक - शक्ति पटेल 

  • राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार (राष्ट्रपति पुरस्कार) 2021 
  • माननीय शिक्षा मंत्री मध्यप्रदेश शासन द्वारा उत्कृष्ट शैक्षिक कार्यों के लिए सम्मान 2021  
  • ग्लोबल टीचर रोल मॉडल अवार्ड (मनुष्यबल विकास लोकसेवा अकादमी मुंबई) 2019
  • राजस्थान पत्रिका समाचार पत्र समूह द्वारा पत्रिका 40 Under 40 पावर लिस्ट 2022 में शामिल (मध्य प्रदेश के 40 वर्ष से कम उम्र के 40 सर्वाधिक प्रतिभाशाली युवाओं की सूची में शामिल) 2022 
  • शैक्षिक गुणवत्ता में वृद्धि हेतु जिला स्तरीय प्रोजेक्ट नई उड़ान के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका के लिए जिला स्तरीय पुरस्कार (गणतंत्र दिवस 2021) 
  • जिला स्तरीय शिक्षक सम्मान 2019 (शिक्षक दिवस)
  • टीचर इनोवेशन अवार्ड 2019 (श्री अरबिंदो सोसायटी दिल्ली)
  • जिला स्तरीय शिक्षक सम्मान 2018 (शिक्षक दिवस)
  • माननीय विधायक (बिछिया) द्वारा शिक्षक सम्मान 2019 (शिक्षक दिवस)
  • जिला स्तरीय शिक्षक सम्मान 2022 (शिक्षक दिवस)
  • शैक्षिक कार्यों में उत्कृष्ट कार्यों हेतु विकासखंड स्तरीय शिक्षक सम्मान (गणतंत्र दिवस 2023) 
  • ग्राम पंचायत से सर्वश्रेष्ठ शिक्षक का प्रमाण पत्र 2016
  •       भारत एक्सीलेंस अवार्ड 2024 (नई दिल्ली)



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