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कक्षा 12वीं - आय एवं रोजगार के निर्धारण - महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

कक्षा 12वीं - आय एवं रोजगार के निर्धारण - महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर -

प्रश्न - आय तथा रोजगार का निर्धारण कैसे होता है ?
उत्तर - आय तथा रोजगार का निर्धारण कुल मांग तथा कुल पूर्ति द्वारा होता है।
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प्रश्न - बचत तथा उपभोग के बीच कैसा संबंध होता है ?
उत्तर - बचत तथा उपभोग के बीच विपरीत संबंध होता है । अर्थात उपभोग अधिक होने पर बचत कम तथा उपभोग कम होने पर बचत अधिक होती है ।
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प्रश्न - "General theory of Employment, Interest and Money" नामक पुस्तक के लेखक कौन हैं?
उत्तर - "General theory of Employment, Interest and Money" नामक पुस्तक के लेखक जे. एस. कीन्स हैं।
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प्रश्न - "रोजगार, ब्याज और धन का सामान्य सिद्धांत" नामक पुस्तक के लेखक कौन हैं?
उत्तर - "रोजगार, ब्याज और धन का सामान्य सिद्धांत" नामक पुस्तक के लेखक जे. एस. कीन्स हैं।
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प्रश्न - "बाज़ार का नियम" अथवा आय तथा रोजगार का सिद्धान्त किसने प्रतिपादित किया?
उत्तर - "बाज़ार का नियम" जे. बी. से. ने प्रतिपादित किया। 'से’ के बाजार नियम के अनुसार, पूर्ति अपनी मांग का स्वयं निर्माण करती है।
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प्रश्न - जे. बी. से. के "बाज़ार के नियम" को समझाइए ।
उत्तर - जे॰ बी॰ से ने बाजार संबंधी जिस नियम का प्रतिपादन किया, उसी नियम को ‘से’ के बाजार नियम कहा जाता है।
‘से’ के बाजार नियम के अनुसार, पूर्ति अपनी मांग का स्वयं निर्माण करती है। इसके अनुसार जिस अनुपात में पूर्ति बढ़ती या घटती है, उसी अनुपात में ही उत्पादन के साधनों की क्रय शक्ति और मांग भी बढ़ती या घटती है। इस प्रकार मांग और पूर्ति सदैव एक-दूसरे के बराबर होते हैं।
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प्रश्न - "पूर्ति अपनी मांग का स्वयं निर्माण करती है।" यह कथन किसका है?
उत्तर - "पूर्ति अपनी मांग का स्वयं निर्माण करती है।" यह कथन जे. बी. से. का है।
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**** जब अर्थव्यवस्था अपनी सारी अतिरिक्त आय बचाने का निर्णय करती है तो विनियोग गुणक का मान 1 के बराबर होता है। 
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क्लासिकल विचारधारा निम्न तथ्यों पर आधारित है -
से का बाज़ार नियम , मजदूरी दर की पूर्ण लोचशीलता , ब्याज दर की पूर्ण लोचशीलता और ब्याज दर की पूर्ण लोचशीलता ।
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निम्नांकित में से वास्तविक शेयर है -
a शेयर खरीदना
b पुरानी फैक्ट्री खरीदना
c भवनों का निर्माण
d उपरोक्त सभी
उत्तर - भवनों का निर्माण ।
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*** सीमांत उपभोग प्रवृत्ति है (MPC) - ΔC/ΔY

जहां - ΔC = उपभोग में परिवर्तन , ΔY = आय में परिवर्तन 

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प्रश्न - अतिरिक्त विनियोग की लाभप्रदता क्या कहलाती है?
उत्तर - पूंजी की सीमांत क्षमता कहलाती है । 
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  • अवस्फीति अंतराल न्यून मांग की माप है । 
  • न्यून मांग अवस्फ़ीतिक अंतराल को बताती है। 
  • मांग आधिक्य की दशा में बैंक दर में वृद्धि करनी चाहिए  । 
  • गुणक सीधी व उल्टी दिशा में कार्य कर सकता है । 
  • जिस बिन्दु पर समग्र मांग एवं समग्र पूर्ति बराबर होती है , उसे प्रभावपूर्ण मांग कहा जाता है। 
  • अपूर्ण रोजगार अभावी  मांग का परिणाम है । उपभोग प्रवृत्ति विवरण योग्य आय तथा उपभोग में संबंध दर्शाती है । 
  • प्रभावपूर्ण मांग का विचार जे एम कीन्स ने प्रस्तुत किया था । 
  • कीन्स ने न्यून रोजगार का सिद्धान्त प्रस्तुत किया था । 
  • बाज़ार का नियम जे. बी. से ने दिया था । 
  • गुणक K = ΔY / ΔI 
  • प्रभावपूर्ण मांग बढ्ने पर रोजगार का स्तर बढ़ता है । 
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सत्य असत्य -
  • पूर्ण रोजगार का आशय शून्य बेरोजगारी नहीं होता - सत्य
  • भविष्य में ब्याज दर में वृद्धि बचतों को कम कर देती है - असत्य
  • जिस अनुपात में आय बढ़ती है उसी अनुपात में उपभोग व्यय नहीं बढ़ता है - सत्य
  • रोजगार के सिद्धान्त का प्रतिपादन सर्वप्रथम मार्शल ने किया था - असत्य (रोजगार का सिद्धान्त जे एम कीन्स ने दिया था)
  • अपूर्ण रोजगार न्यून मांग का परिणाम है - सत्य
  • अर्धविकसित देशों में कीन्स का कीन्स का सिद्धान्त लागू होता है - असत्य
  • कीन्स का रोजगार का सिद्धान्त पूर्ण प्रतियोगिता पर आधारित है - सत्य
  • अत्यधिक मांग में समग्र मांग समग्र पूर्ति से अधिक हो जाती है - सत्य
  • स्फीतिक अंतराल , अभावी मांग की एक माप है - असत्य
  • निर्यात प्रोत्साहन अभावी मांग की समस्या को हल कर सकता है - सत्य
  • उपभोग प्रवृत्ति बढ्ने से अभावी मांग भी बढ़ती है - असत्य
  • कुल पूर्ति को शुद्ध राजकीय उत्पाद भी कहते है - असत्य
  • स्वतंत्र विनियोग का राष्ट्रीय आय से कोई संबंध नहीं रहता है - सत्य
  • अप्रत्याशित रूप से प्राप्त होने वाले लाभ उपभोग प्रवृत्ति को बढ़ा देते हैं - सत्य
  • निवेश को भौतिक पूंजी स्टॉक भी कहते हैं - सत्य
  • कीन्स का आय विश्लेषण अल्पकालीन है - सत्य
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  • *** बाज़ार मांग से आशय - एक वस्तु की मांग से होता है ।
  • *** आय तथा बचत दोनों परस्पर एक दूसरे से संबंध रखते हैं ।
  • ** पूर्ति अपने लिए मांग स्वयं उत्पन्न कर लेती है यह कथन - जे बी से का है ।
  • **प्रभावपूर्ण मांग कुल मांग तथा कुल पूर्ति द्वारा शासित होती है ।
  • *प्रथम नरसिंहन समिति - 1991 में गठित हुई थी ।
  • *गोईपोरिया समिति - 1990 में गठित हुई ।
  • **प्रभाव पूर्ण मांग के प्रकार होते हैं - 2
  • ****वेल्थ ऑफ नेशंस एडम स्मिथ द्वारा लिखित किताब है ।
  • *****व्याज दर में कमी करना अभावी मांग को कम करने का प्रभावी उपाय है ।
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  • गुणक का रिसाव अधिक होने पर गुणक का रिसाव कैसा होगा - कम होगा ।
  • मांग आधिक्य (अर्थात मांग की अधिकता मुद्रा स्फीति) को जन्म देता है।
  • अभावी मांग को संतुलित करने का सर्वोत्तम उपाय क्या है ? - सार्वजनिक व्यय में वृद्धि करना है ।
  • बेरिजगारी का न्यून मांग सिद्धान्त प्रतिपादित किया- जे एम कीन्स ने ।
  • प्रोफेसर कीन्स द्वारा प्रतिपादित ब्याज के सिद्धान्त का नाम - तरलता पसंदगी
  • अभावी मांग को संतुलित करने का सर्वोत्तम उपाय - निर्यातों में वृद्धि ।
  • प्रभावपूर्ण मांग (समग्र मांग) किसने दी थी ? - जे एम कीन्स
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  • आय तथा रोजगार का सिद्धान्त जे बी से ने दिया ।
  • बचत तथा उपभोग के बीच विपरीत संबंध होता है ।
  • मांग आधिक्य (या अतिरेक मांग) की समस्या मुद्रा स्फीति से संबन्धित है।
  • न्यून मांग का कारण है - सार्वजनिक व्यय में कमी ।
  • कीन्स के अनुसार राष्ट्रीय आय तथा कुल व्यय के मध्य संबंध होता है - फलनात्मक
  • विनियोग गुणक का विचार दिया - कीन्स ने ।
  • कीन्स के सिद्धान्त का संबंध है - प्रभावपूर्ण मांग से ।
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  • रोजगार निर्धारण में प्रभावपूर्ण मांग का प्रतिपादन करने वाले अर्थशास्त्री कीन्स हैं ।
  • प्रो कीन्स के रोजगार सिद्धान्त की आधारशिला प्रभावपूर्ण मांग है ।
  • प्रभावपूर्ण मांग से रोजगार का स्तर बढ़ता है ।
  • कीन्स का रोजगार सिद्धांत अल्पकालीन है ।
  • गुणक का आकार उपभोग प्रवृत्ति पर निर्भर करता है ।
  • आय में वृद्धि होने पर उपभोग व्यय में तुलनात्मक रूप से कम वृद्धि होती है।
  • परंपरावादी सिद्धान्त का जनक कौन हैं - एडम स्मिथ
  • सीमांत उपभोग प्रवृति का मान होता है - 0 से 1 के बीच अर्थात शून्य से अधिक तथा 1 से मध्य ।
  • उपभोग तथा आय में सबंध होता है - धनात्मक ।
**** सीमांत बचत प्रवृत्ति = 1 - MPC
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प्रश्न - प्रत्याशित निवेश किसे कहते हैं ?
उत्तर - प्रत्याशित निवेश वह निवेश है , जिसकी निवेशकर्ता किसी विशेष उद्देश्य की प्राप्ति के लिए इच्छा रखता है । जैसे आय प्राप्त करने के लिए चाय की दुकान खोलने के लिए किया गया निवेश प्रत्याशित निवेश कहलाता है ।
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