· प्रेमचंद -
जन्म - सन् 1880 में बनारस (उत्तर प्रदेश) के लमही ग्राम में ।
· मूल नाम – धनपत राय ।
· निधन - सन् 1936.
· प्रेमचंद जी ने असहयोग आंदोलन में सक्रिय भाग लेने के लिए सरकारी नौकरी से त्यागपत्र दे दिया था ।
· प्रेमचंद की कहानियाँ मानसरोवर के 8 भागों में संकलित हैं ।
· प्रमुख उपन्यास – गोदान, गबन, निर्मला, कर्मभूमि, रंगभूमि, सेवासदन, प्रेमाश्रम, कायाकल्प · प्रेमचंद जी ने हंस, जागरण, माधुरी आदि पत्रिकाओं का सम्पादन किया ।
· प्रेमचंद जी को उपन्यास सम्राट कहा जाता है ।
· प्रमुख कहानियाँ – पंच परमेश्वर, बूढ़ी काकी, कफ़न, पूस की रात, ईदगाहआदि
·
अपूर्ण उपन्यास – मंगलसूत्र, जिसे उनके पुत्र अमृतराय ने पूरा किया ।
दो बैलों की कथा
विधा – कहानी
कथाकार – मुंशी प्रेमचंद
· इस कथा के माध्यम से प्रेमचंद ने कृषक समाज और पशुओं के भावात्मक संबंध का वर्णन किया है ।
· जानवरों में गधा सबसे ज़्यादा बुद्धिहीन समझा जाता है । हम जब किसी आदमी को परले दरजे का बेवकूफ कहना चाहते हैं , तो उसे गधा कहते हैं।
· ‘दो बैलों की कथा’ कहानी में प्रेमचंद ने बैल को गधे का छोटा भाई कहा है। उन्होंने बैल को ‘बछिया के ताऊ’ भी कहा है ।
· प्रेमचंद जी के अनुसार बैल का स्थान गधे से नीचा है क्योंकि बैल कभी – कभी मारता भी है और कई रीतियों से अपना असंतोष भी प्रकट करता है ।
· झूरी काछी के दोनों बैलों के नाम थे - हीरा और मोती । बहुत दिनों साथ रहते दोनों में भाईचारा हो गया था । दोनों बैल पछाईं जाति के थे ।
· झूरी के साले का नाम था - गया ।
· दो – चार बार मोती ने गाड़ी को सड़क की खाई में गिराना चाहा ; पर हीरा ने संभाल लिया । इस घटना से स्पष्ट होता है कि हीरा , मोती से अधिक सहनशील था ।
·
प्रश्न
- कांजीहौस के चौकीदार ने हीरा को क्यों मारा ?
उत्तर – हीरा कांजीहौस की दीवार गिराने का प्रयास कर रहा था । हीरा के इस उजड्डपन को देखकर चौकीदार ने उसे मारा ।
·
प्रश्न
- कांजीहौस की दीवार को किसने गिराया?
उत्तर – कांजीहौस की दीवार को मोती ने गिराया ।
·
प्रश्न
- कंजीहौस में कौन – कौन से जानवर थे ?
उत्तर - कंजीहौस में बैल (हीरा और मोती) , घोड़ियाँ, बकरियाँ, भैंसें और गधे थे ।
·
प्रश्न
– कांजीहौस की दीवार टूटने के बाद वहाँ कौन खड़े रहे ?
उत्तर - कांजीहौस की दीवार टूटने के बाद वहाँ गधे खड़े रहे ।
·
प्रश्न
- गया ने हीरा - मोती को दोनों बार सूखा भूसा खाने के लिए दिया क्योंकि –
(क) गया पराये बैलों पर अधिक खर्च नहीं
करना चाहता था,
(ख) गरीबी के कारण खली आदि खरीदना उसके बस
की बात नहीं थी,
(ग) वह हीरा मोती के
व्यवहार से बहुत दुखी था,
(घ) उसे खली आदि सामग्री की जानकारी न थी ।
·
प्रश्न
– किस जानवर को कभी क्रोध नहीं आता है ?
(क)
बैल
को,
(ख)
गधे
को ,
(ग) गाय को ,
(घ) कुत्ते को ।
·
प्रश्न
– झूरी ने अपने बैलों को कहाँ भेज दिया था ?
(क)
ननिहाल,
(ख)
भाई
के पास,
(ग) ससुराल,
(घ) ताऊ के पास ।
·
प्रश्न
– कांजीहौस से नीलामी में बैलों को खरीदा ?
(क)
गाड़ीवान
ने ,
(ख)
दढ़ियल
कसाई ने
(ग) किसान ने ,
(घ) व्यापारी ने ।
·
प्रश्न
– किस जानवर के चेहरे पर कभी असंतोष की छाया भी दिखाई नहीं देती ?
(क)
बैल
के,
(ख)
गधे
के,
(ग) गाय के ,
(घ) कुत्ते के।
प्रश्न - कांजीहौस में कैद पशुओं की हाज़िरी क्यों ली जाती होगी
?
उत्तर - कांजीहौस में कैद पशुओं की गिनती करने के लिए उनकी हाज़िरी ली जाती होगी।
प्रश्न - छोटी बच्ची को बैलों के प्रति प्रेम क्यों उमड़ आया ?
उत्तर – छोटी बच्ची की माँ मर चुकी थी । सौतेली माँ उसे मारती थी । बैलों से कड़ा काम लिया जाता था परंतु उन्हें सूखा भूसा खिलाया जा रहा था । इस कारण छोटी बच्ची को बैलों के प्रति प्रेम उमड़ आया।
प्रश्न – ‘दो बैलों की कथा’ में बैलों के माध्यम से कौन - कौन
से नीति विषयक मूल्य उभर कर आए हैं ?
उत्तर – ‘दो बैलों की कथा’ में बैलों के माध्यम से निम्नलिखित नीति विषयक मूल्य उभर कर आए हैं – भाईचारे की भावना , संकट में मित्र का साथ देने का संदेश , आज़ाद रहने के लिए सावधानी तथा चौकसी की आवश्यकता, नारी सम्मान, स्वाभिमान, परोपकार और संगठन का महत्व ।
प्रश्न - किन घटनाओं से पता चलता है , कि हीरा और मोती में गहरी दोस्ती थी ?
उत्तर – निम्नलिखित घटनाओं से पता चलता है , कि हीरा और मोती में गहरी दोस्ती थी –
1.
वे
दोनों साथ – साथ चारा खाते थे । जब एक चारा खाना प्रारम्भ करता था तो दूसरा भी
खाना शुरू कर देता था और जब एक रुक जाता था तो दूसरा भी रुक जाता था ।
2.
हल
या गाड़ी में चलते समय हर एक यह चाहता था कि अधिक भार मेरे ऊपर आए ।
3.
दोनों
साथ ही गया के यहाँ से भाग कर आये ।
4.
जब
साँड आया तो दोनों ने योजनाबद्ध तरीके से मिलकर उसे घायल करके उसे भगा दिया ।
5. कांजीहौस में बंद होने पर जब दीवार तोड़ने के दंडस्वरूप एक को मोती रस्सी से बांध दिया गया तो दूसरा भी भागकर नहीं गया ।
प्रश्न - प्रस्तुत कहानी में प्रेमचंद ने गधे की किन स्वभावगत
विशेषताओं के आधार पर उसके प्रति रूढ अर्थ 'मूर्ख' का प्रयोग न कर किस नए अर्थ की ओर संकेत किया
है ?
उत्तर – कहानी में प्रेमचंद जी ने कहा है कि गधे को कभी क्रोध करते नहीं सुना , नहीं देखा । जितना चाहो उसे मारो , चाहे जैसी खराब , सड़ी हुई घास उसे डाल दो , उसके चेहरे पर कभी असंतोष की छाया दिखाई नहीं देती । उसके चेहरे पर एक विषाद स्थायी रूप से छाया रहता है । ऋषियों – मुनियों के जितने गुण हैं, वे सभी उसमें पराकाष्ठा को पहुँच गए हैं परन्तु मनुष्य उसे बेवकूफ़ समझता है। प्रेमचंद जी के अनुसार उसे मूर्ख न कहकर सद्गुणी कहना चाहिए ।
प्रश्न - 'लेकिन औरत जात पर सींग चलाना मना है, यह भूल जाते हो
। ' - हीरा के इस कथन के माध्यम से स्त्री के प्रति प्रेमचंद
के दृष्टिकोण को स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर- उक्त कथन से प्रेमचंद जी के नारी के प्रति मान – सम्मान
की भावना व्यक्त होती है ।
उनके अनुसार स्त्री सम्मान की पात्र है।
प्रश्न - किसान जीवन वाले समाज में पशु और मनुष्य के आपसी
सम्बन्धों को कहानी में किस तरह व्यक्त किया गया है ?
उत्तर – किसान जीवन वाले समाज में पशु और मनुष्यों का गहरा संबंध है । खेती में बैलों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है । बैलों का उपयोग हल चलाने , गाहनी करने , अनाज को ढोने , रहट चलाने आदि में किया जाता है । कहानी में झूरी किसान अपने बैलों का पूरा ध्यान रखता है । वह उन्हें अच्छा दाना , चारा , खली आदि देता है । वह उन्हें प्यार से रखता है । इस कारण झूरी के घर बैल अच्छी तरह से रहते हैं । इसके विपरीत जब गया उन बैलों को अपने घर ले जाता है और वह उन्हें ठीक से भोजन नहीं देता तथा उनके साथ मारपीट करता है तब वे दोनों उसके घर से भाग जाते हैं । इस प्रकार कहानी में स्पष्ट किया गया है, कि यदि पशुओं से अच्छा व्यवहार किया जाए तो वे भी मनुष्य का सदा साथ देते हैं ।
प्रश्न – “इतना तो हो ही गया कि नौ दस
प्राणियों की जान बच गई।वे सब तो आशीर्वाद देंगे ।“ यह कथन किसने किससे कहा ?
उत्तर – उक्त कथन मोती ने हीरा से कहा ।
मुहावरे -
नौ दो ग्यारह होना – भाग जाना ।
वाक्य प्रयोग – बिल्ली को देखकर चूहा नौ – दो ग्यारह हो गया ।
जी तोड़कर काम करना – पूरा परिश्रम करना ।
वाक्य प्रयोग – किसान खेत में जी तोड़कर काम करते हैं ।
दिल भारी होना – दुखी
होना ।
वाक्य प्रयोग – माता – पिता द्वारा इतना खर्च करने के बाद भी यदि बच्चे पढ़ाई न करें , तो उनका दिल भारी होना स्वाभाविक है ।
टकटकी लगाना – लगातार
देखना ।
वाक्य प्रयोग – वह मेरे ओर टकटकी लगाए देख रहा है ।
ईंट का जवाब पत्थर से देना – कड़ी प्रतिक्रिया ।
वाक्य प्रयोग – भारतीय तकनीक ईंट का जबाव पत्थर से देने में सक्षम है ।
दाँतों पसीने आना – कड़ा परिश्रम करना ।
वाक्य प्रयोग –
नौकरी प्राप्त करने में दाँतों पसीने आता है ।
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