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माध्य, इसकी गणना और गुण दोष

 निश्चित रूप से, मैं आपको माध्य (Mean) के बारे में विस्तार से समझाता हूँ, जैसा कि यह NCERT कक्षा 11वीं की अर्थशास्त्र की पाठ्यपुस्तक में दिया गया है।

माध्य, जिसे समांतर माध्य (Arithmetic Mean) भी कहते हैं, केंद्रीय प्रवृत्ति (Central Tendency) का सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला माप है। यह किसी आँकड़ों के सेट (Data Set) का प्रतिनिधित्व (Representation) करने वाला एक औसत मान (Average Value) होता है।

🔢 माध्य का अर्थ और परिभाषा

माध्य वह मान होता है जो समूह के सभी मानों के कुल योग को प्रेक्षणों की कुल संख्या से विभाजित करने पर प्राप्त होता है।

परिभाषा:

"समांतर माध्य आँकड़ों के चर (Variable) मानों का योग होता है, जिसे इन मानों की संख्या से भाग देने पर प्राप्त किया जाता है।"

🧮 माध्य की गणना (Calculation of Mean)

माध्य की गणना आँकड़ों की प्रकृति के आधार पर तीन अलग-अलग श्रेणियों में की जाती है:

1. व्यक्तिगत श्रेणी (Individual Series)

जब आँकड़े बिना किसी आवृत्ति (Frequency) के व्यक्तिगत मानों के रूप में दिए गए हों।

सूत्र (Formula):



जहाँ:

 * \bar{X} = समांतर माध्य (Mean)

 * \Sigma X = सभी प्रेक्षणों (Observations) का योग

 * N = प्रेक्षणों की कुल संख्या

उदाहरण: यदि 5 छात्रों के अंक 10, 15, 20, 25 और 30 हैं।



माध्य 20 है।

2. खंडित/असतत श्रेणी (Discrete Series)

जब आँकड़े चर मानों (X) के साथ उनकी आवृत्तियों (f) के रूप में दिए गए हों।

सूत्र:



जहाँ:

 * \Sigma fX = चर मानों और उनकी आवृत्तियों के गुणनफल का योग

 * \Sigma f (या N) = आवृत्तियों का कुल योग (कुल प्रेक्षणों की संख्या)

3. सतत श्रेणी (Continuous Series)

जब आँकड़े वर्ग अंतरालों (Class Intervals) और उनकी आवृत्तियों के रूप में दिए गए हों।

सूत्र:



जहाँ:

 * M = वर्ग अंतराल का मध्य-बिंदु (Mid-point) (जो X का प्रतिनिधित्व करता है)। M = \frac{\text{निम्न सीमा} + \text{उच्च सीमा}}{2}

 * \Sigma fM = आवृत्तियों और मध्य-बिंदुओं के गुणनफल का योग

 * \Sigma f (या N) = आवृत्तियों का कुल योग

✨ समांतर माध्य के गुण (Merits of Arithmetic Mean)

 * समझने में सरल: यह सबसे सरल और सबसे आसानी से समझा जाने वाला केंद्रीय प्रवृत्ति का माप है।

 * गणना में सरल: इसकी गणना करना आसान है।

 * दृढ़ता से परिभाषित: यह एक कठोर गणितीय सूत्र पर आधारित है और इसमें अस्पष्टता की कोई गुंजाइश नहीं है।

 * सभी प्रेक्षणों पर आधारित: यह श्रेणी के सभी मानों पर आधारित होता है।

 * आगे की बीजगणितीय गणनाओं के लिए उपयुक्त: इसका उपयोग आगे की सांख्यिकीय गणनाओं जैसे प्रसरण (Variance) और मानक विचलन (Standard Deviation) में किया जा सकता है।

👎 समांतर माध्य के दोष (Demerits of Arithmetic Mean)

 * चरम मानों से प्रभावित: यह चरम मानों (Extreme Values) (बहुत बड़े या बहुत छोटे मान) से अत्यधिक प्रभावित होता है, जिससे यह आँकड़ों का सही प्रतिनिधित्व नहीं कर पाता।

 * खुले सिरे वाले वर्ग अंतरालों के लिए अनुपयुक्त: यदि श्रेणी में खुले सिरे वाले वर्ग अंतराल (जैसे '10 से कम', '100 से अधिक') हैं, तो माध्य की गणना करना संभव नहीं होता क्योंकि मध्य-बिंदु ज्ञात नहीं किया जा सकता।

 * आलेखीय प्रस्तुति संभव नहीं: इसे आलेखीय रूप से (ग्राफ के माध्यम से) ज्ञात नहीं किया जा सकता।

 * कभी-कभी प्रतिनिधि मान नहीं: कभी-कभी माध्य एक ऐसा मान हो सकता है जो वास्तव में श्रेणी में मौजूद ही न हो (जैसे यदि 2 लोगों के पास 5 और 6 पेन हैं, तो माध्य 5.5 होगा, जो कि एक व्यक्ति के पास पेनों की संख्या नहीं हो सकती)।

माध्य केंद्रीय प्रवृत्ति का सबसे महत्वपूर्ण माप है और अर्थशास्त्र तथा अन्य क्षेत्रों में इसका व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।


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