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शासन के सितारे : श्री शक्ति पटेल

शासन के सितारे  : श्री शक्ति पटेल

माध्यमिक शिक्षक, मंडला, मध्यप्रदेश  

आइये मिलते है श्री शक्ति पटेल जी से जिन्होंने शिक्षक के रूप में अपने नवाचारों से शिक्षा के क्षेत्र में मात्र 8 वर्षों की सेवा में पहले ही प्रयास में राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार हासिल किया | आइयें जाने किस तरह के उनके नवाचार रहे है, जिन्होंने उन्हें सफलताओं के शिखर पर पहुंचाया ?

राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार चयन के क्या मापदंड होते है, आइये एक नजर डालें :-

निम्न बिन्दुओं के आधार पर शिक्षक का चयन होता है जैसे कि बच्चों के कल्याण एवं विकास के लिए किस तरह के कार्य आपने किये है, स्कूल की बुनियादी सुविधाओं एवं निर्माण में आपका योगदान, लेखन के माध्यम से राष्ट्रीय और   अन्तराष्ट्रीय स्तर पर आपका प्रकाशन, आनलाईन प्रशिक्षण में भूमिका, शिक्षण का प्रभाव स्थापित करने के लिए किये नवाचार, राष्ट्र निर्माण के लिए किये गए कार्यों में किस तरह का योगदान रहा है | इन सब बिन्दुओं पर मार्किंग के बाद बेहतर प्रदर्शन करने वाले अध्यापक का चयन राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए होता है |         

1)आप अभी किस विभाग में और किस पद पे काम कर रहे हैं? आपका मुख्य कार्य क्या हैं?  (100 words)

जवाब : मैं शिक्षा विभाग में जनजातीय कार्य विभाग, विकास खंड बिछिया, जिला मंडला, मध्यप्रदेश में शासकीय माध्यमिक शाला,मांद में शिक्षक के पद पर अपनी सेवायें दे रहा हूँ | वर्तमान में विभिन्न शैक्षिणिक गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को शिक्षित करना, इसी के साथ मैं जिला स्तर पर ओजस प्लस कार्यक्रम में गतिविधियों का प्रभारी हूँ| जिसमे बच्चों की शैक्षणिक गतिविधियों एवं अन्य क्रियाकलापों से सम्बन्धित गतिविधियाँ बच्चों को करवाई जाती है | जिला स्तर पर मैं हिंदी विषय का का मास्टर ट्रेनर हूँ, जिसमे अध्यापकों को विषय के प्रति प्रशिक्षित करना मेरा कार्य का हिस्सा है| इसी के साथ जिला स्तर पर आई.सी.टी. से सम्बन्धित प्रशिक्षण कार्यक्रम, शिक्षण से सम्बन्धित यूटयूब वीडियों तैयार करना, दीक्षा एप, निष्ठा कार्यक्रम, आनलाईन परीक्षा का आयोजन, आनलाईन क्विज तैयार करना में मैं जिला स्तर पर  समन्वयक की भूमिका को निभाता हूँ, इस के अलावा ब्लाक स्तर पर लाइफ स्किल एजुकेशन की गतिविधियों का मैं प्रभारी हूँ | 

2) अभी तक के सफर में सरकार से जुड़ के काम करने का अनुभव कैसा रहा है ?                      

(150 words)

जवाब : सरकार के साथ जुड़ कर अभी तक का अनुभव प्रशंसनीय रहा है | इसके अलावा शासकीय योजनाओं के क्रियान्वन और शिक्षक के रूप में विभिन्न योजनाओं से जन समुदाय को जागरूक करने का भरसक प्रयास किया जाता है | शासन का कार्यक्रमहमारा घर हमारा विधालय’’ कार्यक्रम में वाट्सएप ग्रुप में सभी स्कूली बच्चों को जोड़ा गया | कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए विभाग से मुझे बेहद प्रशंसा मिली| मैं बताना चाहूँगा कि पिछले वर्ष कोविड महामारी के दौरान विभिन्न नवाचार का आयोजन किया गया, प्रथम नवाचार के रूप में गूगल फ़ार्म के माध्यम से आनलाईन क्विज तैयार किये गए, जिसे जिला अधिकारी के निर्देशन में जिला स्तर पर स्कूली बच्चों से हल करवाया गया, इसका मकसद यही था कि बच्चें शिक्षा से जुड़े रहे और उनका नामांकन शैक्षणिक गतिविधियों में बना रहे, इसको लेकर मैंने ब्लाक प्रभारी को कार्यक्रम की रूपरेखा दी, जैसे-जैसे कार्यक्रम में बेहतर परिणाम दिखाई देने लगे ब्लाक के साथ जिला अधिकारी ने मेरे शिक्षण में किये गए नवाचार की प्रशंसा की और जिला कलेक्टर का महत्वकांक्षी प्रोजेक्टनई उड़ानकार्यक्रम में मेरे नवाचार को सम्मलित किया गया जिस पर जिला कलेक्टर से मुझे काफी सराहना मिली है |  

3) करियर में अभी तक की क्या बड़ी सफलताएं रहीं हैं? एक या दो के बारे में बताईये?           

(150-200 words)

जवाब : मैं अभी तक कार्यकाल में राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार को मैं अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि मानता हूँ | मैं यह मानता हूँ शिक्षा में जो नवाचार मेरे द्वारा किये गए है इससे अध्यापक वर्ग प्रेरित होंगे जिससे शिक्षण में नए आयाम स्थापित होंगे | इसके अलावा करोनाकाल में स्कूल बंद थे ऐसे स्थिति में बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखने के लिए 125 से अधिक एजुकेशन और मोटिवेशनल वीडियों अपलोड किये गए, इन वीडियों के QR कोड बनाये गए जिन्हें स्वनिर्मित नोट्स पर प्रिंट करके इन नोट्स को स्वयं के खर्च से छात्रों को वितरित किया | इन वीडियों व नोट्स से प्रदेश के हजारों छात्र लाभान्वित हुए है | इसके अलावा मैंने सीखने की प्रक्रिया को रोचक, सरल एवं प्रभावशाली बनाने के लिए शिक्षण में स्मरण तकनीकों का प्रयोग किया है | “नेमनिकऐसे तकनीक है, जिसके द्वारा किसी सूचना को याद करने के लिए उसका विजुलाइजेशन करना सम्भव हो पाता है | IVS मेथड का प्रयोग अध्यापन में किया जाता है | अध्यापन में IVS तकनीक का प्रयोग छात्रों की स्मरणशक्ति बढाने के लिए किया जाता है | देखी गई सूचना छात्र को जल्दी याद होती है तथा लम्बे समय तक याद रहती है | मैंने इसको अपने शिक्षण गतिविधियों के उपयोग में लाया और इससे मुझे काफी सकरात्मक परिणाम भी  हासिल हुए |

4)इन सफलताओं के रास्ते में क्या कुछ अनोखी मुश्किलें या परिस्तिथियाँ सामने आयी ? इनका समाधान कैसे

हुआ ? क्या आप अपने अनुभव से इसके उदाहरण दे सकते हैं?                                           

(150-200 words)

जवाब : नवाचार कार्यक्रम की रुपरेखा तैयार करते समय हर एक बिंदु पर मंथन करना आवश्यक होता है | बच्चों के शिक्षण में सबसे बड़ी चुनौती यही रहती है कि बच्चे किस पृष्ट भूमि से आये है इसका डाटा बेस एकत्र किया जाता है | जोकि काफी मददगार होता है, श्रेणीवार डाटा तैयार करने से एक्सेल शीट हमें काफी मदद करती है | विभिन्न योजनाओं से बच्चों को मिलने वाले लाभ को बच्चों के आधार पर वर्गीकृत करते है, मैं जहाँ पर इस समय शिक्षक के रूप में अपनी सेवायें दे रहा हूँ वह एक आदिवासी क्षेत्र है जहाँ पर शिक्षा को लेकर पालक जागरूक नही थे, इसकी एक बड़ी वजह आर्थिक रूप से सक्षम न होने की वजह से मनरेगा उनकी आजीवका का एक मात्र साधन है, ऐसे में मैंने स्कूल समयावधि से पहले व शाम के समय स्थानीय व्यक्ति की मदद से उनकी भाषा (गौड़ी) में फोन पर सम्पर्क करना शुरू किया कि वह बच्चों को शिक्षा ग्रहण के लिए स्कूल भेजे, प्रिंट फार्मेट में शासन की योजनाओं जोकि बच्चों के लिए होती है उस  सूचना को घर-घर भेजना शुरू किया| इस के अलावा स्कूली बच्चों को हम प्रोजेक्टर के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में हमारे द्वारा करवाई जाने वाले गतिविधियों की रुपरेखा देते है, इसी समझ और ज्ञान को बच्चे अपने पालक के साथ सांझा करते है, जिससे कि पालक बच्चों की शिक्षा को लेकर रूचि दिखाते है और इस माध्यम से हमे धीरे-धीरे सकारात्मक परिणाम हासिल हुए है |            


5)बेहतर शासन और सेवा वितरण में आप अपना योगदान किस प्रकार देखते हैं?                  

(150 words)

जवाब : मैं यह मानता हूँ कि वर्तमान समय डिजिटल साक्षरता का युग है यदि सूचना को डिजिटल संसाधनों से सम्पादित किया जाए तो एक तो यह त्वरित कार्य करती है, दूसरा यह कि मानव संसाधनों के माध्यम से लगने वाले समय को यह कम करता है | इस पर निश्चित रूप से सुधार और इस पर व्यय करने की आवश्यकता है | यदि स्थानीय सरकार जिला पंचायत, जनपद, ग्राम पंचायत स्तर पर अलग-अलग समिति होती है तो इसी तरह से एक डिजिटल साक्षरता समिति बनाई जाए,  जिसमे युवाओं को शामिल किया जाए जो समय समय पर स्कूली बच्चों के लिए प्रशिक्षण, गोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन करे जिसमे स्मार्टफोन का इस्तेमाल, कंप्यूटर, शासन के विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के पोर्टल की जानकारी, जनप्रतिनिधियों से पोर्टल के माध्यम से संवाद जैसे आयोजन इस डिजिटल क्रान्ति के माध्यम से बच्चों के विकास में अहम भूमिका होगी | ऐसे करने समिति में कार्य करने वाले युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे और शिक्षा के क्षेत्र को विकसित करने में अपना योगदान दे पायेंगे |         

6) अपने काम के किस पहलू से आपको ख़ुशी मिलती है?                                         

(100-150 words)

जवाब : मैं प्रमुख रूप से कहूँ तो मुझे सर्वाधिक ख़ुशी इस बात से होती है कि मेरे द्वारा किये जा रहे नवाचारों से बच्चों एवं समुदाय का विकास हो रहा है, जब गाँव में समुदाय के साथ वार्तलाप करने का मौका मिलता है तो वह अपने आप मेरे द्वारा किये गए प्रयासों से हुए परिवर्तन की बात करते है, कि बच्चों और समाज का किस तरह विकास हुआ तो वह मुझे बहुत ख़ुशी देता है, और भविष्य में नये नवाचारों के लिए एक नई ऊर्जा का संचार होता है | मेरा यह मानना है कि शिक्षक छात्रों एवं समाज के निर्माण में निर्णायक भुमिका निभाता है बशर्ते वह अपनी पूरी शक्ति के साथ छात्रों एवं समाज के कल्याण के लिए कार्य करें

 

7) 

i) अच्छे अधिकारी के 3 ज़रूरी गुण                                                                  

(one line each)

उत्तर : मैं यह समझता हूँ, कि एक अधिकारी में इन तीनों गुणों का होना जरुरी है 1) समय सीमा के अंदर कार्य करना 2) कार्य के प्रति ईमानदार एवं कर्तव्यनिष्ठ   3) रचनात्मक होना चाहिए ( बहुत कम संसाधनों का उपयोग करने का कौशल)

ii) काम से सम्बंधित वह ज़िम्मेदारी जिसमे सबसे ज़्यादा मज़ा आता हो ?

जवाब : मैं हर दिन हर व्यक्ति प्रमुख से सीखनें में विश्वास रखता हूँ, यही लालसा और इच्छा शक्ति मुझे हमेशा प्रसन्नचित और उत्साहित रखती है |    

iii) अपने क्षेत्र में कोई ऐसा काम जो आप करना चाहते हो मगर संरचनात्मक या संसाधन की सीमाएँ आपको रोक देती हैं-

जवाब : मेरा यह मानना है कि जिस प्रकार का संस्थागत ढांचा है और जो साधन है वह मेरे हिसाब से पर्याप्त है, यह हम पर होता है कि किस तरह हम रचनात्मक रूप से इसका उपयोग करते हुए कम साधनों के होते हुए बेहतर परिणाम ला सकते है | मेरा वर्तमान जो कार्यछेत्र है वह एक आदिवासी क्षेत्र होने की वजह से बच्चों में खेल-खेल के माध्यम से सीखने की विधि के लिए बच्चों के माध्यम से स्थानीय स्तर की सांस्कृतिक गतिविधियाँ स्कूल में करवाई जाती है | इस का यह सबसे बड़ा परिणाम यह निकलता है कि बच्चें अपने परिवेश से जुड़ पाते है और उनके ज्ञान में वृद्धि होती है |

iv) कोई ऐसी बाते जो आपको लगता है की होनी चहिये

जवाब : मैं यह मानता हूँ, कि बच्चों के ज्ञान में पुस्तकें, शैक्षणिक गतिविधियों के अलावा फील्ड विजिट का अहम रोल रहता है, मैं यह मानता हूँ कि यदि कक्षा में इस तरह का माहौल स्थापित किया जाए, जहाँ प्रोजेक्टर के माध्यम से बच्चों को एनिमेशन, 3डी फील्ड जैसा वातावरण बनाया जाए जिससे बच्चों की सीखने की क्षमता को बढ़ाने में रुचिकर होगा | शासन से केवल एक निवेदन करना चाहूँगा कि विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए बनाये गए अलग-अलग पोर्टल को एक पोर्टल में सम्माहित किया जाना चाहिए जिससे कि एक ही जगह पर सभी सूचनायें मिल जाए | 

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