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पलायन वेग

 


🚀 पलायन वेग (Escape Velocity)


पलायन वेग वह न्यूनतम वेग है जिससे किसी वस्तु को पृथ्वी (या किसी अन्य खगोलीय पिंड) की सतह से ऊर्ध्वाधर दिशा में फेंका जाए, तो वह वस्तु पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र को पार कर जाती है और कभी भी पृथ्वी पर वापस नहीं लौटती

पृथ्वी के लिए पलायन वेग का मान लगभग $11.2 \text{ किमी/सेकंड}$ होता है।



सूत्र का व्युत्पन्न (Derivation of Formula)


पलायन वेग के सूत्र को ऊर्जा संरक्षण के नियम (Law of Conservation of Energy) का उपयोग करके व्युत्पन्न किया जाता है।

मान लीजिए:

  • पृथ्वी का द्रव्यमान $= M$

  • पृथ्वी की त्रिज्या $= R$

  • फेंके गए पिंड का द्रव्यमान $= m$

  • पलायन वेग $= v_e$

हम यह मानते हैं कि पिंड को पृथ्वी की सतह (प्रारंभिक बिंदु) से फेंका जाता है और वह गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र के बाहर अनंत दूरी ($\infty$) तक पहुँच जाता है (अंतिम बिंदु)।


1. प्रारंभिक बिंदु (पृथ्वी की सतह पर)


पिंड की कुल यांत्रिक ऊर्जा (Total Mechanical Energy) = गतिज ऊर्जा + गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा

  • प्रारंभिक गतिज ऊर्जा ($KE_i$):


    $$KE_i = \frac{1}{2} m v_e^2$$

  • प्रारंभिक गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा ($PE_i$):

    पृथ्वी की सतह पर, गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा का सूत्र होता है:


    $$PE_i = - \frac{G M m}{R}$$


    (जहाँ $G$ सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण स्थिरांक है)।

  • प्रारंभिक कुल ऊर्जा ($E_i$):


    $$E_i = KE_i + PE_i = \frac{1}{2} m v_e^2 - \frac{G M m}{R}$$


2. अंतिम बिंदु (अनंत पर)


चूँकि पलायन वेग वह न्यूनतम वेग है जिससे पिंड अनंत तक पहुँचता है, तो अनंत पर पहुँचने पर उसका वेग शून्य हो जाता है।

  • अंतिम गतिज ऊर्जा ($KE_f$):

    अनंत पर वेग शून्य है, इसलिए:


    $$KE_f = 0$$

  • अंतिम गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा ($PE_f$):

    अनंत पर, स्थितिज ऊर्जा शून्य मानी जाती है:


    $$PE_f = - \frac{G M m}{\infty} = 0$$

  • अंतिम कुल ऊर्जा ($E_f$):


    $$E_f = KE_f + PE_f = 0 + 0 = 0$$


3. ऊर्जा संरक्षण का नियम लगाना


ऊर्जा संरक्षण के नियम के अनुसार, प्रारंभिक कुल ऊर्जा अंतिम कुल ऊर्जा के बराबर होनी चाहिए:

$$E_i = E_f$$

$$\frac{1}{2} m v_e^2 - \frac{G M m}{R} = 0$$

$$\frac{1}{2} m v_e^2 = \frac{G M m}{R}$$

$m$ (पिंड का द्रव्यमान) दोनों तरफ से कट जाएगा, जिससे सिद्ध होता है कि पलायन वेग पिंड के द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता:

$$\frac{1}{2} v_e^2 = \frac{G M}{R}$$

$$v_e^2 = \frac{2 G M}{R}$$

पलायन वेग का सूत्र (Formula for Escape Velocity):

$$v_e = \sqrt{\frac{2 G M}{R}}$$



सूत्र को 'g' के पदों में (In terms of 'g')


हम जानते हैं कि गुरुत्वीय त्वरण ($g$) और सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण स्थिरांक ($G$) के बीच संबंध होता है:

$$g = \frac{G M}{R^2}$$

या इसे ऐसे भी लिखा जा सकता है:

$$G M = g R^2$$

इस मान को पलायन वेग के सूत्र में रखने पर:

$$v_e = \sqrt{\frac{2 (g R^2)}{R}}$$

$$v_e = \sqrt{2 g R}$$

अतः, पलायन वेग का अंतिम सूत्र $v_e = \sqrt{2 g R}$ है।


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