यहाँ दिए गए एमपी बोर्ड कक्षा-11वीं (भौतिक शास्त्र) त्रैमासिक परीक्षा प्रश्न बैंक 2025-26 के प्रश्नों के उत्तर दिए गए हैं।
अध्याय 1: मापन एवं मात्रक
1. बहुविकल्पीय प्रश्न
(i) (द) ताप - ताप एक मूल राशि है, जबकि चाल, आवेश और बल व्युत्पन्न राशियाँ हैं।
(ii) (ब) न्यूटन - न्यूटन बल का मात्रक है () और यह किलोग्राम, मीटर और सेकंड जैसे मूल मात्रकों से मिलकर बना है।
(iii) (स) लीटर - लीटर आयतन का मात्रक है, जो एक व्युत्पन्न राशि है। मीटर, केल्विन और ऐम्पियर मूल मात्रक हैं।
(iv) (ब) 2 - संख्या 0.0010 में, प्रथम शून्येत्तर अंक (1) और उसके बाद आने वाला शून्य सार्थक अंक होते हैं। दशमलव के तुरंत बाद के शून्य सार्थक नहीं होते।
(v) (स) 663.8 - दी गई संख्याओं (436.32, 227.2, 0.301) का योग 663.821 है। योग में, परिणाम को दशमलव के बाद उतने ही अंकों तक पूर्णांकित किया जाता है जितने कि मूल संख्याओं में से सबसे कम वाली संख्या में होते हैं (यहाँ 227.2 में एक अंक है)।
(vi) (ब) - गतिज ऊर्जा (K) का सूत्र 21mv2 होता है, जहाँ K द्रव्यमान (m) के और वेग (v) के वर्ग के अनुक्रमानुपाती होती है।
(vii) (कोई विकल्प सही नहीं है) - यदि संवेग (P), लंबाई (L) और समय (T) को मूल राशियाँ मानें, तो ऊर्जा का विमीय सूत्र PLT−1 होगा, जो दिए गए विकल्पों में से कोई नहीं है।
(viii) (अ), (ब), और (द) - विमीय विश्लेषण के नियमानुसार, केवल समान विमाओं वाली राशियों को ही जोड़ा या घटाया जा सकता है। चूँकि P, Q, और R की विमाएँ भिन्न हैं, इसलिए (P-Q)/R, P+QR, और (P/Q)+R सार्थक संयोजन नहीं हैं।
(ix) (स) तनाव और पृष्ठ तनाव - तनाव एक बल है, जिसका विमीय सूत्र [MLT−2] है, जबकि पृष्ठ तनाव प्रति इकाई लंबाई पर लगने वाला बल है, जिसका विमीय सूत्र [MT−2] है।
2. रिक्त स्थान
(i) किसी 1cm भुजा वाले घन का आयतन 10−6 m3 के बराबर है।
(ii) कोई गाड़ी 18km/h की चाल से चल रही है तो 1s में 5 मीटर चलेगी।
(iii) बल का विमीय सूत्र [MLT−2] है।
(iv) 1 kg m2s−2=107 g cm2s−2
(v) 1nm=10−9m
(vi) आवेश का विमीय सूत्र [AT] है।
3. सत्य / असत्य
(i) सभी शून्येत्तर अंक सार्थक अंक होते हैं। - सत्य
(ii) सार्थक अंकों की संख्या निर्धारित करने में दशमलव कहां लगा है इसका महत्व होता है। - असत्य (जैसे 152 cm, 1.52 m, और 0.0152 km सभी में 3 सार्थक अंक हैं)।
(iii) किसी मापन में विभिन्न मात्रकों के परिवर्तन के चयन से सार्थक अंकों की संख्या परिवर्तित नहीं होती है। - सत्य
(iv) विमीय संगति किसी समीकरण के सही होने की गारंटी है। - असत्य (एक विमीय रूप से सही समीकरण विमाहीन स्थिरांकों के कारण गलत हो सकता है)।
4. एक वाक्य / शब्द में उत्तर
कैंडला किस राशि का मात्रक है?
ज्योति तीव्रता (Luminous Intensity)
स्टे रेडियन किस राशि का मात्रक है?
घन कोण (Solid Angle)
मोल किस राशि का मात्रक है?
पदार्थ की मात्रा (Amount of Substance)
बल के मात्रक न्युटन को मुल मात्रकों के रूप में लिखिये।
kg⋅m/s2
ऐम्पीयर तथा न्यूटन में से कौन सा मूल मात्रक है?
ऐम्पीयर
अध्याय 2: सरल रेखा में गति
1. बहुविकल्पीय प्रश्न
i) (a) वेग - स्थिति-समय ग्राफ का ढाल (slope) वस्तु के वेग को प्रदर्शित करता है।
ii) (c) वस्तु स्थिर है - यदि ग्राफ समय अक्ष के समानांतर है, तो इसका अर्थ है कि समय के साथ वस्तु की स्थिति नहीं बदल रही है।
iii) (a) दूरी - वेग-समय ग्राफ और समय-अक्ष के बीच घिरा क्षेत्रफल विस्थापन या दूरी को दर्शाता है।
iv) (b) वेग ऋणात्मक है - चूँकि लिफ्ट नीचे आ रही है और ऊपर की दिशा को धनात्मक माना गया है, इसलिए उसका वेग ऋणात्मक होगा।
v) (d) कभी नहीं - वेग-समय ग्राफ का समय अक्ष के लंबवत् होने का अर्थ है कि एक ही समय पर वस्तु का वेग अनंत है, जो भौतिक रूप से संभव नहीं है।
2. रिक्त स्थान
(i) चाल का मात्रक m/s है।
(ii) जब कोई वस्तु समान समय अंतराल में समान दूरी तय करती है, तो इसे एकसमान चाल कहते हैं।
(iii) वेग प्रवणता का SI मात्रक प्रति सेकंड (s−1) है।
(iv) वस्तु की प्रारम्भिक एवं अंतिम स्थिति के बीच की न्यूनतम दूरी को विस्थापन कहते हैं।
(v) समय के सापेक्ष वेग में वृद्धि को त्वरण कहते हैं।
3. सत्य / असत्य
(i) तात्क्षणिक चाल व तात्क्षणिक वेग का अनुपात सदैव एक होता है। - असत्य (तात्क्षणिक वेग एक सदिश राशि है)।
(ii) क्षैतिज दिशा में गुरुत्वीय त्वरण का मान शून्य होता है। - सत्य
(iii) यदि त्वरण का चिन्ह ऋणात्मक है तो निश्चित ही वस्तु की चाल कम हो रही है। - असत्य (यदि वेग भी ऋणात्मक है, तो चाल बढ़ेगी)।
(iv) वेग परिवर्तन को त्वरण कहते है। - असत्य (वेग परिवर्तन की दर को त्वरण कहते हैं)।
(v) वृत्तीय गति में एक चक्कर पूर्ण होने पर उत्पन्न विस्थापन शून्य होता है। - सत्य
(vi) v-t ग्राफ के अंतर्गत आने वाला क्षेत्रफल त्वरण प्रदर्शित करता है। - असत्य (यह विस्थापन प्रदर्शित करता है)।
(vii) किसी वस्तु को ऊर्ध्वाधर ऊपर की ओर फेंकने पर अधिकतम ऊंचाई तक जाने में लगा समय वापस आरंभिक अवस्था में आने में लगे समय के बराबर होता है। - सत्य (वायु प्रतिरोध को नगण्य मानने पर)।
4. एक वाक्य / शब्द में उत्तर
किसी वस्तु को गतिशील कब कहते हैं?
जब समय के साथ किसी निर्देश बिंदु के सापेक्ष उसकी स्थिति में परिवर्तन होता है।
किसी वस्तु को स्थिर कब कहते हैं?
जब समय के साथ किसी निर्देश बिंदु के सापेक्ष उसकी स्थिति में परिवर्तन नहीं होता है।
नियत वेग से गतिशील वस्तु का त्वरण क्या होगा?
शून्य।
त्वरण ऋणात्मक होने पर स्थिति-समय ग्राफ कैसा प्राप्त होगा?
ग्राफ एक परवलय (parabola) होगा जो नीचे की ओर खुला होगा।
वृत्तीय गति में एक चक्कर पूर्ण होने पर उत्पन्न विस्थापन कितना होगा?
शून्य।
v-t ग्राफ के अंतर्गत आने वाला क्षेत्रफल क्या व्यक्त करता है?
विस्थापन।
60 किमी/घण्टा के वेग से उत्तर दिशा की ओर गतिशील ट्रेन में बैठे एक यात्री के लिए स्टेशन पर खड़े व्यक्ति का वेग कितना होगा?
60 किमी/घण्टा दक्षिण दिशा में (या -60 किमी/घण्टा)।
60 किमी/घण्टा के वेग से उत्तर दिशा की ओर गतिशील ट्रेन में बैठे एक यात्री के सापेक्ष दूसरे सहयात्री का वेग कितना होगा?
शून्य।
एक उदाहरण लिखिए जब किसी वस्तु द्वारा तय दूरी अशून्य हो परन्तु विस्थापन शून्य हो।
एक वृत्ताकार पथ पर एक पूरा चक्कर लगाने पर।
अध्याय 3: समतल में गति
1. बहुविकल्पीय प्रश्न
i) (b) त्वरण, क्षेत्रफल, संवेग - यह समूह सदिश राशियों का है। (दाब एक अदिश राशि है)।
ii) (d) दोनों के मध्य 0∘ का कोण है - जब दो सदिश एक ही दिशा में होते हैं, तो उनके परिणामी का परिमाण उनके परिमाणों के योग के बराबर होता है।
iii) (c) π/30 रेडियन/सेकंड - सेकंड की सुई 60 सेकंड में एक चक्कर (2π रेडियन) पूरा करती है, इसलिए कोणीय वेग ω=602π=30π रेडियन/सेकंड होता है।
iv) (a) गुरुत्वीय त्वरण के तुल्य - प्रक्षेप्य की पूरी उड़ान के दौरान, उस पर केवल गुरुत्वीय त्वरण (g) नीचे की ओर कार्य करता है।
v) (c) 45∘ - जब क्षैतिज परास (R) अधिकतम ऊँचाई (H) का चार गुना होता है (R = 4H), तो प्रक्षेपण कोण 45∘ होता है।
vi) (a) 90∘ - अधिकतम ऊँचाई प्राप्त करने के लिए वस्तु को सीधे ऊपर (ऊर्ध्वाधर) फेंकना चाहिए, अर्थात् प्रक्षेपण कोण 90∘ होना चाहिए।
2. रिक्त स्थान
अधिकतम ऊँचाई प्राप्त करने के लिए पिंड को ऊर्ध्वाधर ऊपर दिशा में फेंकना चाहिए।
वृत्तीय मोड़ पर सड़क केंद्र की ओर ऊँची बनाई जाती है।
प्रक्षेपण कोण (A) और (90°- A) के लिए प्रक्षेप्य का क्षैतिज परास समान रहता है।
कोणीय वेग का मात्रक रेडियन/सेकंड होता है।
प्रक्षेप्य गति में क्षैतिज वेग नियत रहता है।
महत्तम ऊँचाई प्राप्त करने के लिए प्रक्षेप्य कोण 90∘ होना चाहिए।
एक सदिश राशि वह राशि है जिसमें परिमाण तथा दिशा दोनों होते हैं।
एक समान वृत्तीय गति में अभिकेंद्र त्वरण की दिशा सदैव वृत्त के केंद्र की ओर होती है।
3. सत्य / असत्य
प्रक्षेप्य पथ के उच्चतम बिंदु पर प्रक्षेप्य का वेग और त्वरण लम्बवत होते है। - सत्य (वेग क्षैतिज और त्वरण ऊर्ध्वाधर होता है)।
प्रक्षेप्य गति में प्रक्षेप्य का त्वरण उसके वेग के सदैव लंबवत् होता है। - असत्य (यह केवल उच्चतम बिंदु पर सत्य है)।
सदिशों का योग क्रम विनिमय नियम का पालन नहीं करता है। - असत्य (सदिश योग क्रम विनिमेय है, A+B = B+A)।
किसी सदिश का प्रत्येक घटक सदैव आदिश होता है। - सत्य (घटक एक अदिश मान होता है)।
उन तीन सदिशो का योग जो एक समतल में नहीं है कभी भी शून्य सदिश नहीं होता है। - सत्य
अध्याय 4: गति के नियम
1. बहुविकल्पीय प्रश्न
(c) दोनों कथन सत्य हैं - न्यूटन के प्रथम नियम के अनुसार, यदि कोई वस्तु एकसमान वेग से गतिशील है, तो उस पर कोई परिणामी बल नहीं लगता और उसका त्वरण शून्य होता है।
(c) बल के - न्यूटन के दूसरे नियम के अनुसार, संवेग में परिवर्तन की दर आरोपित बल के बराबर होती है।
(a) केवल द्रव्यमान - किसी वस्तु का जड़त्व उसके द्रव्यमान पर निर्भर करता है; अधिक द्रव्यमान का अर्थ है अधिक जड़त्व।
(c) संवेग संरक्षण पर - रॉकेट नोदन संवेग संरक्षण के सिद्धांत पर आधारित है।
(c) भारहीन अनुभव करेगा - जब लिफ्ट टूटकर नीचे गिरती है, तो वह मुक्त पतन की स्थिति में होती है, और व्यक्ति भारहीनता का अनुभव करता है।
2. रिक्त स्थान
किसी वस्तु का द्रव्यमान उसके जड़त्व की माप है।
प्रकृति में बल सदैव जोड़ों में होते हैं।
यदि किसी निकाय पर कोई बाह्य बल न लगाया जाये तो उसका संवेग नियत रहता है।
दो वस्तुएँ समान वेग से गतिमान हैं, तो भारी वस्तु का संवेग हल्की वस्तु के संवेग से अधिक होता है।
न्यूटन के गति के प्रथम नियम को जड़त्व का नियम कहते हैं।
बल = द्रव्यमान x त्वरण।
3. एक वाक्य / शब्द में उत्तर
जड़त्व किसी वस्तु के द्रव्यमान से किस प्रकार संबंधित है?
जड़त्व वस्तु के द्रव्यमान के अनुक्रमानुपाती होता है।
पानी पर तैरते हुए m द्रव्यमान के एक कार्क पर नेट बल का मान कितना होगा?
शून्य (संतुलन की अवस्था में)।
वर्षा की बूँद नियत वेग से गिर रही है उस पर क्रियाशील नेट बल का परिमाण व दिशा बताइए।
परिमाण शून्य होगा क्योंकि नियत वेग का अर्थ है शून्य त्वरण।
लम्बी कूद में खिलाड़ी कुछ दूरी से दौड़कर आते हैं... इसमें गति के किस नियम का उपयोग किया जाता है।
गति का प्रथम नियम (जड़त्व का नियम)।
एक पिंड एकसमान वेग से चल रहा है। क्या उसके वेग को नियत रखने के लिए बल की आवश्यकता होगी?
नहीं, यदि कोई बाह्य प्रतिरोधी बल (जैसे घर्षण) न हो।
समतल सड़क पर वृत्तीय गति के लिए आवश्यक अभिकेन्द्री बल कौन प्रदान करता है?
टायरों और सड़क के बीच लगने वाला घर्षण बल।
अध्याय 5: कार्य, ऊर्जा तथा शक्ति
1. बहुविकल्पीय प्रश्न
i) (D) दोनों B और C सही हैं - कार्य शून्य होता है यदि विस्थापन शून्य हो या यदि बल और विस्थापन एक दूसरे के लंबवत् हों।
ii) (A) जूल - कार्य का SI मात्रक जूल है।
iii) (B) कसा हुआ स्प्रिंग - कसे हुए स्प्रिंग में प्रत्यास्थ स्थितिज ऊर्जा संचित होती है। अन्य विकल्प गतिज ऊर्जा के उदाहरण हैं।
iv) (A) विस्थापन बल की दिशा के विपरीत हो - जब विस्थापन बल की विपरीत दिशा में होता है, तो किया गया कार्य ऋणात्मक होता है।
v) (D) 100 जूल - कार्य = बल × विस्थापन = 50 N × 2 m = 100 J.
vi) (C) दुगनी - नई गतिज ऊर्जा = 21(2m)(2v)2=21(2m)(4v2)=2×(21mv2)।
2. रिक्त स्थान
(i) कार्य तभी होता है जब कोई बल अपने ही दिशा में विस्थापन उत्पन्न करे।
(ii) गतिज ऊर्जा वस्तु की चाल (वेग) के वर्ग पर निर्भर करती है।
(iii) किसी वस्तु पर किया गया कार्य उसके गतिज ऊर्जा में परिवर्तन के बराबर होता है।
(iv) किसी वस्तु की गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा ऊँचाई पर निर्भर करती है।
(v) संघट्ट के दौरान संवेग सदैव संरक्षित रहता है।
3. एक वाक्य / शब्द में उत्तर
(i) कार्य के धनात्मक होने की शर्त लिखिए।
जब बल और विस्थापन के बीच का कोण न्यून कोण (90° से कम) हो।
(ii) कार्य के धनात्मक होने की शर्त लिखिए।
(प्रश्न की पुनरावृत्ति) जब बल और विस्थापन के बीच का कोण न्यून कोण (90° से कम) हो।
(iii) कार्य का SI मात्रक और विमीय सूत्र लिखिए।
SI मात्रक: जूल; विमीय सूत्र: [ML2T−2]
(iv) द्रव्यमान m की किसी वस्तु को ऊँचाई h तक उठाने पर उसकी स्थितिज ऊर्जा का सूत्र लिखिए।
PE=mgh
(v) किसी खिंची हुई स्प्रिंग में संचित ऊर्जा के लिए सूत्र लिखिए।
U=21kx2
(vi) गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा किस स्थिति में ऋणात्मक कार्य किया जाता है?
जब किसी वस्तु को गुरुत्वाकर्षण के विरुद्ध ऊपर की ओर उठाया जाता है।
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