मुद्रा एवं बैंकिंग -
प्रश्न 01 - वस्तु विनिमय प्रणाली से आप क्या समझते हैं?
उत्तर - एक वस्तु या सेवा के बदले में दूसरी वस्तु या सेवा प्राप्त करने की क्रिया को वस्तु विनिमय कहते हैं। इसमें वस्तुओं का पारस्परिक हस्तांतरण होता है। इसे प्रत्यक्ष विनिमय भी कहा जाता है। उदाहरण - किसी व्यक्ति से गेहूं लेकर उसे चावल देना वस्तु विनिमय प्रणाली का उदाहरण है। मुद्रा के आविष्कार से पहले लेनदेन के लिए इसी प्रणाली का प्रयोग किया जाता था ।
उत्तर - एक वस्तु या सेवा के बदले में दूसरी वस्तु या सेवा प्राप्त करने की क्रिया को वस्तु विनिमय कहते हैं। इसमें वस्तुओं का पारस्परिक हस्तांतरण होता है। इसे प्रत्यक्ष विनिमय भी कहा जाता है। उदाहरण - किसी व्यक्ति से गेहूं लेकर उसे चावल देना वस्तु विनिमय प्रणाली का उदाहरण है। मुद्रा के आविष्कार से पहले लेनदेन के लिए इसी प्रणाली का प्रयोग किया जाता था ।
///////////////////////////
प्रश्न 02 - मुद्रा द्वारा विनिमय या अप्रत्यक्ष विनिमय से आप क्या समझते हैं?
उत्तर - जब वस्तुओं तथा सेवाओं का विनिमय मुद्रा के बदले किया जाता है, तो इस विनिमय को मुद्रा द्वारा विनिमय या अप्रत्यक्ष विनिमय कहते हैं ।
उत्तर - जब वस्तुओं तथा सेवाओं का विनिमय मुद्रा के बदले किया जाता है, तो इस विनिमय को मुद्रा द्वारा विनिमय या अप्रत्यक्ष विनिमय कहते हैं ।
/////////////////////////
प्रश्न 03 - वस्तु विनिमय प्रणाली की आवश्यक दशाएँ/ शर्तें / परिस्थितियाँ कौन - कौन सी हैं?
उत्तर - वस्तु विनिमय प्रणाली की आवश्यक दशाएँ -
(1) सीमित आवश्यकताएँ - वस्तु विनिमय के लिए लोगों की आवश्यकताएँ सीमित होना चाहिए। प्राचीन समय में लोगों की आवश्यकताएँ सीमित थीं । इसीलिए वस्तु विनिमय प्रणाली सफल थी ।
(2) दोहरे संयोग की प्राप्ति - दोन्न पक्षों को एक दूसरे के पास उपलब्ध वस्तुओं की आवश्यकता होना जरूरी है, तभी वस्तु विनिमय संभव होता है।
उत्तर - वस्तु विनिमय प्रणाली की आवश्यक दशाएँ -
(1) सीमित आवश्यकताएँ - वस्तु विनिमय के लिए लोगों की आवश्यकताएँ सीमित होना चाहिए। प्राचीन समय में लोगों की आवश्यकताएँ सीमित थीं । इसीलिए वस्तु विनिमय प्रणाली सफल थी ।
(2) दोहरे संयोग की प्राप्ति - दोन्न पक्षों को एक दूसरे के पास उपलब्ध वस्तुओं की आवश्यकता होना जरूरी है, तभी वस्तु विनिमय संभव होता है।
/////////////////////////
0 Comments