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अर्थशास्त्र - महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर - कक्षा 12 वीं

प्रश्न - व्यष्टि अर्थशास्त्र अथवा सूक्ष्म अर्थशास्त्र अथवा माइक्रो इकोनॉमिक्स से क्या आशय है? *****
उत्तर - व्यष्टि अर्थशास्त्र अथवा सूक्ष्म अर्थशास्त्र अथवा माइक्रो इकोनॉमिक्स अर्थशास्त्र की वह शाखा है जिसके अंतर्गत व्यक्तिगत इकाइयों का अध्ययन किया जाता है । 
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प्रश्न - समष्टि अर्थशास्त्र अथवा व्यापक अर्थशास्त्र अथवा माइक्रो इकोनॉमिक्स से क्या आशय है? *****
उत्तर - समष्टि अर्थशास्त्र अथवा व्यापक अर्थशास्त्र अथवा मैक्रो इकोनॉमिक्स अर्थशास्त्र की वह शाखा है जिसके अंतर्गत सम्पूर्ण राष्ट्र की आर्थिक समस्याओं और गतिविधियों का अध्ययन किया जाता है।  इसके अंतर्गत राष्ट्रीय आय , सकल घरेलू उत्पाद आदि का अध्ययन किया जाता है। 

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प्रश्न - व्यष्टि अर्थशास्त्र एवं समष्टि अर्थशास्त्र में अंतर स्पष्ट कीजिए । 
उत्तर - परंपरागत रूप से अर्थशास्त्र की विषयवस्तु का अध्ययन निम्नलिखित दो व्यापक शाखाओं के अंतर्गत किया जाता है -

(1) व्यष्टि अर्थशास्त्र / सूक्ष्म अर्थशास्त्र / व्यक्तिगत अर्थशास्त्र/ Micro Economics,
(2) समष्टि अर्थशास्त्र / वृहद् अर्थशास्त्र / विस्तृत अर्थशास्त्र / Macro Economics
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व्यष्टि अर्थशास्त्र और समष्टि अर्थशास्त्र में अंतर निम्नानुसार हैं -
1. व्यष्टि अर्थशास्त्र व्यक्तिगत स्तर पर आर्थिक संबंधों अथवा आर्थिक समस्याओं का अध्ययन करता हैं। जबकि समष्टि अर्थशास्त्र संपूर्ण अर्थव्यवस्था के स्तर पर आर्थिक संबंधों अथवा आर्थिक समस्याओं का अध्ययन करता हैं।

2. व्यष्टि अर्थशास्त्र मुख्यतः एक व्यक्तिगत फर्म अथवा उद्योग में उत्पादन तथा कीमत के निर्धारण से संबंधित हैं। जबकि  समष्टि अर्थशास्त्र का संबंध मुख्यतः संपूर्ण अर्थव्यवस्था में कुल उत्पादन तथा सामान्य कीमत स्तर के निर्धारण से हैं।

3. व्यष्टि अर्थशास्त्र के मुख्य उपकरण माँग और पूर्ति है जबकि समष्टि अर्थशास्त्र के मुख्य उपकरण समग्र माँग व समग्र पूर्ति है।

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प्रश्न - अर्थव्यवस्था की केंद्रीय समस्याओं को समझाइए । 

//अथवा//

अर्थव्यवस्था की केंद्रीय समस्याओं की विवेचना कीजिए ।  
उत्तर - अर्थशास्त्र की केंद्रीय समस्याएँ निम्नानुसार हैं - 

(1) किन वस्तुओं का उत्पादन किया जाए और कितनी मात्रा में -
(2) वस्तुओं का उत्पादन कैसे किया जाए -
(3) वस्तुओं का उत्पादन किसके लिए किया जाए -



(1) किन वस्तुओं का उत्पादन किया जाए और कितनी मात्रा में - 

अर्थव्यवस्था में प्रत्येक समाज को यह निर्णय करना पड़ता है कि प्रत्येक संभावित वस्तुओं तथा सेवाओं में से किन किन वस्तुओं और सेवाओं का वह कितना उत्पादन किया जाए। अधिक खाद्य पदार्थों, वस्तुओं या आवासों का निर्माण किया जाए अथवा विलासिता की वस्तुओं का अधिक उत्पादन किया जाए? कृषि जनित वस्तुओं का अधिक उत्पादन किया जाए अथवा औद्योगिक उत्पादों तथा सेवाओं का? शिक्षा तथा स्वास्थ्य पर अधिक संसाधनों का उपयोग किया जाए अथवा सैन्य सेवाओं के गठन पर? बुनियादी शिक्षा को बढ़ाने पर अधिक खर्च किया जाए या उच्च शिक्षा पर? उपयोग की वस्तुएं अधिक मात्रा में उत्पादित की जानी चाहिए या फिर निवेश फरक वस्तुएं जैसे मशीन आदि? 

(2) वस्तुओं का उत्पादन कैसे किया जाए - 

प्रत्येक अर्थव्यवस्था में समाज को यह निर्णय करना पड़ता है कि विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं से उत्पादन करते समय किस - किस वस्तु या सेवा में किस - किस संसाधन की कितनी मात्रा का उपयोग किया जाए । अधिक श्रम का उपयोग किया जाए अथवा मशीनों का ? प्रत्येक वस्तु के उत्पादन के लिए उपलब्ध तकनीकों में से किस तकनीक को अपनाया जाए ? एक अर्थव्यवस्था को निर्णय लेना पड़ता है कि किन उपभोक्ता वस्तुओं (चावल, गेहूं, कपड़े) और किन पूंजीगत वस्तुओं (मशीन, उपकरण) का उत्पादन किया जाए। इसी प्रकार अर्थव्यवस्था को नागरिक वस्तुओं (मोबाइल फोन, टीव्ही आदि) और युद्ध सामग्री (बंदूकें, टैंक आदि) के बीच भी चयन करना होता है।

(3) वस्तुओं का उत्पादन किसके लिए किया जाए -  

वस्तुओं का उत्पादन किसके लिए किया जाना चाहिए ? यह भी अर्थव्यवस्था की प्रमुख समस्या है। अर्थव्यवस्था में उत्पादित वस्तुओं की कितनी मात्रा किसे प्राप्त होगी ? अर्थव्यवस्था के उत्पाद को व्यक्ति विशेष के बीच किस प्रकार विभाजित किया जाना चाहिए ? किसे अधिक मात्रा प्राप्त होगी किसे कम ? इन सभी बातों का ध्यान अर्थव्यवस्था में रखना पड़ता है। 
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प्रश्न - गिफिन वस्तुएँ क्न्हें कहते हैं ?
उत्तर- निम्नकोटि की वस्तुओं को गिफिन वस्तुएँ कहते हैं । इन पर मांग का नियम लागू नहीं होता । 
अन्य शब्दों में , ऐसी वस्तुएँ जिन पर मांग का नियम लागू नहीं होता उन्हें गिफिन वस्तुएँ अथवा निम्नकोटि की वस्तुएँ कहते हैं । 
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प्रश्न - उत्पादन संभावना वक्र से क्या आशय है ? इसका आकार कैसा होता है ?
उत्तर - अर्थव्यवस्था में उत्पादन के साधनों की सीमित मात्रा होती है किंतु उत्पादित की जाने वाली वस्तुएं असीमित होती है फलस्वरुप अर्थव्यवस्था को साधनों के वैकल्पिक उपयोगों के बीच चयन करना पड़ता है। इस प्रकार वस्तुओं के उत्पादन के अनेक विकल्प अर्थव्यवस्था के सामने आते हैं जिन्हें अर्थव्यवस्था की उत्पादन संभावनाएं कहते हैं यदि इन उत्पादन संभावनाओं को रेखा चित्र द्वारा दर्शाया जाता है तो वह उत्पादन संभावना वक्र कहलाती है।
यह वक्र विभिन्न संभावनाओं के अधिकतम प्रयोग को दर्शाता है। इसे निम्न तालिका से स्पष्ट कर सकते हैं -




रेखाचित्र में रेखा P उत्पादन संभावना वक्र है जो मूल बिन्दु की ओर नतोदर है।

स्पष्ट है कि उत्पादन संभावना वक्र का आकार नतोदर होता है । 

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प्रश्न - लागत वक्रों की आकृति U आकार की क्यों होती है ?
उत्तर - लागत वक्रों की आकृति U आकार की इसलिए होती है क्योंकि लागत वक्र उत्पादन के प्रतिफल की तीनों अवस्थाओं को बताता है। उत्पादन की प्रारंभिक अवस्था में उत्पादन लागत गिरती है, एक बिंदु पर सीमांत लागत न्यूनतम हो जाती है, और फिर तेजी से ऊपर उठने लगती है। इस कारण लागत वक्र यू (U) के आकार का हो जाता है।

चित्र- सीमांत उत्पादन वक्र
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1 अंक के प्रश्न - 
प्रश्न - उपयोगिता दृष्टिकोण है - क्रम वाचक एवं गणना वाचक
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प्रश्न - बजट रेखा के सभी बिन्दु दर्शाते हैं - कुल व्य्यय में वृद्धि 
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प्रश्न - आगत एवं निर्गत के बीच संबंध दर्शाने वाले फलन को उत्पादन फलन कहते हैं । 
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प्रश्न - मांग के नियम से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर - जब किसी वस्तु की कीमत बढ़ती है तो उसकी मांग में कमी होती है और जब किसी वस्तु की कीमत कम होती है तो उसकी मांग बढ़ती है । इसे ही मांग का नियम कहते है । 
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प्रश्न - केंद्रीयकृत अर्थव्यवस्था एवं बाजार अर्थव्यवस्था में अंतर लिखिए । 
उत्तर - 
केंद्रीयकृत अर्थव्यवस्था एवं बाजार अर्थव्यवस्था में अंतर -

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प्रश्न - मांग की लोच को प्रभावित करने वाले तत्व कौन से हैं ?
उत्तर - मांग की लोच को प्रभावित करने वाले कारक निम्नानुसार हैं -

उपभोक्ता की रूचि 
वस्तु की कीमत 
वस्तु की गुणवत्ता 
प्रतिस्थापन्न वस्तुओं का प्रभाव 
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प्रश्न - व्यापारिक बैंकों के कार्यों का विवरण प्रस्तुत कीजिए । 
उत्तर - व्यापारिक बैंकों के कार्य निम्नानुसार हैं - 

  1. धन जमा करना - बैंक उपभोक्ताओं के धन को जमा करते हैं तथा उसके बदले ब्याज देते हैं । 
  2. ऋण देना - बैंक ऋण लेने वाले उपभोक्ताओं को ऋण प्रदान करने का कार्य भी करते हैं । 
  3. ड्राफ्ट , चेक आदि जारी करना 
  4. सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में सहायता करना - बैंक वर्तमान में अनेक सरकारी योजनाओं के कार्य के लिए धन की आपूर्ति करने वाले प्रमुख साधन बन गए हैं । 
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  1. मुद्रा के दो कार्य - *****
उत्तर - 1. विनिमय के माध्यम के रूप में 
2. मूल्य के मापक के रूप में । 
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