आय एवं रोजगार के निर्धारण - 2 अंकीय प्रश्न -
आय एवं रोजगार के निर्धारण -
प्रश्न - 1 - अत्यधिक मांग को ठीक करने के कोई दो उपाय लिखिए ।
उत्तर - अत्यधिक मांग को ठीक करने के दो उपाय निम्नानुसार हैं -
1. सार्वजनिक व्यय पर नियंत्रण - अत्यधिक मांग की दशा में सरकार को सड़कें बनाने , नहर व बांधों का निर्माण करने , स्कूल , अस्पताल एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य जैसे कामों पर सार्वजनिक व्यय को कम कर देना चाहिए तथा साथ ही सरकार को र्सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों में भी विनियोग को कम कर देना चाहिए ।
2. बचत का बजट बनाना - अत्यधिक मांग की स्थिति में सरकार को बचत का बजट बनाना चाहिए । बचत का बजट उसे कहते हैं , जिससे सार्वजनिक व्यय की तुलना में सार्वजनिक आय अधिक होती है ।
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प्रश्न - 2 - समग्र मांग तथा समग्र पूर्ति में अंतर लिखिए ।
क्रमांक
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समग्र मांग
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समग्र पूर्ति
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1
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समग्र मांग से अभिप्राय एक लेखा वर्ष के दौरान देश में उत्पादित समस्त वस्तुओं और सेवाओं पर किए जाने वाले व्यय के योग से है । |
समग्र पूर्ति से अभिप्राय अर्थव्यवस्था में दिए हुए समय में खरीदने के लिए उपलब्ध उत्पाद से है । |
2
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समस्त वस्तुओं और सेवाओं पर कि समग्र मांग का मापन वस्तुओं और सेवाओं पर समुदाय द्वारा कुल व्यय पर किया जाता है । |
समग्र पूर्ति वस्तुओं और सेवाओं के कुल उत्पादन को कहते हैं । |
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प्रश्न - 3 - प्रेरित निवेश तथा स्वतंत्र निवेश में अंतर लिखिए ।
क्रमांक | प्रेरित निवेश | स्वतंत्र निवेश |
1 | यह आय पर निर्भर होता है । | इसका आय से संबंध नहीं होता । यह स्वतंत्र होता है । |
2 | यह आय लोच होता है । | यह आय लोच नहीं होता है। |
प्रश्न - 4 - समग्र मांग तथा समग्र पूर्ति में अंतर लिखिए ।
क्रमांक | समग्र मांग | समग्र पूर्ति |
1 | समग्र मांग से अभिप्राय एक लेखा वर्ष के दौरान देश में उत्पादित समस्त वस्तुओं और सेवाओं पर किए जाने वाले व्यय के योग से है । | समग्र पूर्ति से अभिप्राय अर्थव्यवस्था में दिए हुए समय में खरीदने के लिए उपलब्ध उत्पाद से है । |
2 | समस्त वस्तुओं और सेवाओं पर कि समग्र मांग का मापन वस्तुओं और सेवाओं पर समुदाय द्वारा कुल व्यय पर किया जाता है । | समग्र पूर्ति वस्तुओं और सेवाओं के कुल उत्पादन को कहते हैं । |
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प्रश्न - 5 - प्रभावी माँग से क्या आशय है ? इसकी अवधारणा को स्पष्ट कीजिए ।
अथवा
जब अंतिम वस्तुओं की कीमत और व्याज की दर दी हुई हो तब आप स्वायत्त व्यय गुणक कैसे प्राप्त करेंगे ?
उत्तर - प्रभावी माँग / प्रभावपूर्ण माँग का आशय -
प्रभावी माँग , समस्त माँग का वह स्तर है जो आय के संतुलित स्तर पर निर्धारण में प्रभावी बन जाता है क्योंकि यह समग्र पूर्ति के बराबर होता है ।
स्वायत्त गुणक ज्ञात करना - स्वायत व्यय में प्रारम्भिक वृद्धि से कुल निर्गत संतुलन मूल्य में अधिक वृद्धि होती है । अंतिम वस्तु निर्गत के संतुलन मूल्य में वृद्धि और स्वायत्त व्यय में आरंभिक वृद्धि के कुल अनुपात को अर्थव्यवस्था का निर्गत गुणांक कहते हैं ।
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