तिबद्ध धारा के कवि तथा उनके काव्य
- चिंतामणि - काव्य-विवेक, कविकुल कल्पतरू, श्रृंगार मंजरी
- मतिराम - रसराज, अलंकार पंचाशिका, ललित ललाम, वृत्त कौमुदी, मतिराम सतसई
- भूषण - शिवराज भूषण, अलंकर प्रकाश, छंदोंहृदय प्रकाश, शिवा बावनी, छत्रशाल दशक
- जसवंत सिंह - भाषा भूषण, आनंद विलास,सिद्धांत- बोध , अनुभव प्रकाश
- कुलपति मिश्र - रस रहस्य, नख-शिख, दुर्गा भक्ति तरंगनी
- मंडन - रस रत्नावली,रस विलास,नैन पचासा, काव्य रत्न
- देव - भाव विलास, भवानी विलास, रस विलास , काव्य रसायन
- पद्माकर - जगत विनोद, पद्माभरण , प्रताप सिंह विरुदावली, प्रबोध पचासा , गंगा लहरी
- गोप - रामचंद्राभरण , रामचंद्र भूषण, रामालंकर
- ग्वाल कवि - नख-शिख, अलंकार भ्रम-भंजन, रस रूप कवि दर्पण
- भिखारी दास - काव्य-निर्णय, श्रृंगार निर्णय, रस सरांस, छंद प्रकास,
- रसलीन - अंगदर्पण , रस प्रबोध
- सोमनाथ - श्रृंगार विलास, प्रेम पचीसी
- दूल्ह - कविकुल कंठाभरण
- प्रताप साही - व्यंगार्थ कौमुदी, श्रृंगार मंजरी, श्रृंगार शिरोमणि, अलंकार चिंतामणि, काव्य विनोद
- द्विजदेव - श्रृंगार लतिका,श्रृंगार बत्तिसी , कविकल्पद्रुम रीतिसिद्ध
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