पृथ्वी हमारे सौरमंडल का अंग है।
सौरमंडल आकाशगंगा 'मंदाकिनी' की मध्यवर्ती घूर्णनशील भुजा का एक अंश है।
हमारी 'मंदाकिनी' के तीन घूर्णनशील भुजाओं में असंख्य तारे एवं सौर- परिवार हैं।
मंदाकिनी सदृश कई आकाशगंगायें मिलकर एक 'आकाशगंगा का पुंज' (super cluster of galaxies) बनाती हैं।
आकाशगंगा के सभी पुंजों को सम्मिलित रूप से ब्रह्माण्ड (Universe) कहते हैं।
ब्रह्माण्ड (Universe) > आकाशगंगा के पुंज > मन्दाकिनी सदृश्य आकाशगंगाएँ > मंदाकिनी >
सौरमंडल > पृथ्वी
ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति -
ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति विषयक मुख्यतः चार सिद्धान्त हैं, जिसमें प्रथम सिद्धान्त अर्थात महाविस्फोट सिद्धान्त (Big Bang Theory) सर्वाधिक प्रचलित एवं मान्य है। अन्य चार सिद्धान्त निम्नानुसार हैं -
(i) महाविस्फोट सिद्धान्त (Big Bang Theory)
प्रतिपादक- एबे जार्ज लैमेन्तेयर
(ii) स्फीति सिद्धान्त (Inflationary Theory)
प्रतिपादक - एलनगुथ
(iii) सतत सृष्टि सिद्धान्त (Steady State Theory)
प्रतिपादक-थामस गोल्ड एवं हर्मन बांडी।
(iv) दोलन सिद्धान्त (Pulsating Universe Theory)
प्रतिपादक-डॉ. एलन संडेजा ।
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बिग-बैंग सिद्धान्त (Big-Bang Theory) -
प्रतिपादक - जार्ज लमेंतेयर (1894-96)
ब्रह्माण्ड, आकाशगंगा तथा सौरमंडल की उत्पत्ति के लिये किया था।
बाद में राबर्ट बेगोनर ने 1967 में इस सिद्धान्त की व्याख्या प्रस्तुत किया।
इसके अनुसार -
क्वार्क इस सम्पूर्ण सृष्टि का आधारभूत तत्व है।
प्रकृति में यह छः रूपों में पाया जाता है, जिनमें 'अप' और 'डाउन' सबसे हल्के होते हैं तथा ये सामान्य तत्वों के परमाणुओं के नाभिक में पाये जाते हैं।
इनके अतिरिक्त चार्म, स्ट्रेंज, टॉप और बॉटम अन्य अतिरिक्त क्वार्क हैं।
अप और डाउन क्वार्क की तुलना में, अन्य चार कण भारी होते हैं और सामान्य पदार्थों में नहीं पाये जाते हैं।
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