'आँख' पर मुहावरे' -
- आँख या आँखों का तेल निकालना (महीन काम करना जिससे आँखों पर बहुत जोर पड़े) - दिन भर सुई में धागा पिरोते-पिरोते मेरी आँखों का तेल निकल गया।
- आँख - कान खुले रखना (बहुत सर्तक रहना ) - आजकल तो हमें हर जगह अपने आँख - कान खुले रखने चाहिए, वरना कोई भी दुर्घटना घट सकती हैं।
- आँख का पानी गिरना या आँख का पानी मर जाना (निर्लज्ज होना) - राजू की आँख का पानी मर गया हैं, वह तो अपने पिता के सामने भी बीड़ी पीता है।
- आँखों की पट्टी खुलना (भ्रम दूर होना) - प्रेम के आँख की पट्टी तब खुली जब ठग उसे ठगकर चला गया।
- आँखें निकालना (क्रोधपूर्वक देखना) - अरे मित्र! फूल मत तोड़ो, माली आँखें निकाल रहा हैं।
- आँखें नीची होना (लज्जित होना) - जब पुत्र चोरी के जुर्म में पकड़ा गया तो पिता की आँखें नीची हो गई।
- आँखें फाड़ कर देखना (आश्चर्य से देखना ) - अरे मित्र ! आँखें फाड़कर क्या देख रहे हो, ये तुम्हारा ही घर है।
- आँखें बंद होना (मर जाना) - थोड़ी-सी बीमारी के बाद ही उसकी आँखें बन्द हो गईं ।
आँखें बिछाना (प्रेम से स्वागत करना)- जब प्रधानमंत्री आए तो स्कूल में सबने आँखें बिछा दीं।आँखें मूँदकर रखना (बिना सोचे-समझे करना)- अध्यापक ने बच्चों से कहा कि हमें कोई काम आँख मूँदकर नहीं करना चाहिए।आँखों में चुभना (बुरा लगना)- मैंने मित्र से कहा कि मित्र, ये रंग आँखों में चुभ रहा हैं, तुम दूसरे रंग की शर्ट पहन लो।आँखें खुलना (होश आना, सावधान होना)- जनजागरण से हमारे शासकों की आँखें अब खुलने लगी हैं।आँखें चार होना (आमने-सामने होना)- जब आँखें चार होती है, मुहब्बत हो ही जाती है।आँखें मूँदना (मर जाना)- आज सबेरे उसके पिता ने आँखें मूँद ली।आँखें चुराना (नजर बचाना, अपने को छिपाना)- मुझे देखते ही वह आँखें चुराने लगा।आँखों में खून उतरना (अधिक क्रोध करना)- बेटे के कुकर्म की बात सुनकर पिता की आँखों में खून उतर आया।आँखों में गड़ना (किसी वस्तु को पाने की उत्कट लालसा)- उसकी कलम मेरी आँखों में गड़ गयी है।आँखें फेर लेना (उदासीन हो जाना)- मतलब निकल जाने के बाद उसने मेरी ओर से बिलकुल आँखें फेर ली है।आँख मारना (इशारा करना)- उसने आँख मारकर मुझे बुलाया।आँखों में धूल झोंकना (धोखा देना)- वह बड़ों-बड़ों की आँखों में धूल झोंक सकता है।आँखें बिछाना (प्रेम से स्वागत करना)- मैंने उनके लिए अपनी आँखें बिछा दीं।आँखों का काँटा होना (शत्रु होना)- वह मेरी आँखों का काँटा हो रहा है।आँखों में पानी होना (शर्म-लिहाज होना)- रमेश की आँखों में पानी होता तो वह सबके सामने बड़े भाई का अनादर न करता।आँखों में समाना (हमेशा ध्यान में रहना)- मुरली मनोहर श्याम तो मीराबाई की आँखों में समाए हुए थे।आँखों से अंगारे/आग बरसना (अत्यधिक क्रोध आना)- जब रावण ने सीता का हरण कर लिया तो श्री राम की आँखों से अंगारे बरसने लगे थे।आँखों से उतरना (मूल्य या सम्मान कम होना)- जब से विवेक ने अपने पिता को जवाब दिया हैं तब से रामू उनकी आँखों से उतर गया हैं।आँखों से चिनगारियाँ निकलना (गुस्से या क्रोध से आँखें लाल होना)- जब रोहन ने मुझसे अपशब्द कहे तो मेरी आँखों से चिनगारियाँ निकलने लगी।आँखों में सरसों फूलना (हरियाली ही हरियाली दिखाई देना अथवा मन उल्लास से भरना)- जब राहुल की लॉटरी खुल गई तो उसकी आँखों में सरसों फूलने लगी।आँखों से परदा हटना (असलियत का पता लगना)- जब मुझे यह ज्ञात हुआ कि सादा ढंग से रहने वाला शेखर अमीर हैं तो मेरी आँखों से परदा हट गया।आँखों पर बिठाना (बहुत आदर-सत्कार करना)- जब मोहन के घर कोई मेहमान आता हैं तो वह उसे आँखों पर बिठाकर रखता हैं।आँखें आना (आँखों में लाली/सूजन आ जाना)- मेरी आँखें आ गई हैं इसलिए मैंने काला चश्मा लगा रखा है।आँख उठाना (नुकसान करने की कोशिश करना)- यदि तुम्हारी ओर किसी ने आँख भी उठाई तो मैं उसे छोड़ूँगा नहीं।आँख-कान खुले रखना (सतर्क रहना)- यहाँ यह पता करना कठिन है कि कौन मित्र है और कौन शत्रु। अतः हमेशा आँख-कान खुले रखो।आँखें पथरा जाना (राह देखते-देखते थक जाना)- कृष्ण के लौटकर आने की प्रतीक्षा में गोपियों की आँखें पथरा गई।आँखों पर पर्दा पड़ना (भले-बुरे की पहचान न होना)- क्या तुम्हारी आँखों पर पर्दा पड़ा है जो तुम्हें यह भी दिखाई नहीं देता कि तुम्हारा बेटा आजकल क्या गुल खिला रहा है ?आँखों में घर करना (मन में जगह बना लेना)- अच्छे बच्चे सभी अध्यापकों की आँखों में घर कर लेते हैं।आँखों में चर्बी छाना (घमंड में चूर होना)- रिश्वत और बेईमानी का पैसा उसे क्या मिला है, उसकी आँखों में तो चर्बी चढ़ गई है।आँख लगना (प्रेम करना, जरा-सी नींद आना)- आँख लगी ही थी कि अचानक फोन की घंटी सुनकर वह उठ बैठा।आँखों में रात काटना (चिंता/कष्ट के कारण सो न पाना)- पूनम के पति को पुलिसवाले न जाने क्यों थाने ले गए। वह रात भर नहीं लौटा, बेचारी पूनम की तो सारी रात आँखों में ही कटी।आँखों में धूल झोंकना (धोखा देना)- चोर पुलिसवाले की आँखों में धूल झोंककर गायब हो गया।आँख दिखाना (क्रोध करना)- मुझे क्यों आँखें दिखा रहे हो, मैंने तो तुम्हारी शिकायत नहीं की थी ?आँखें ठंढी होना- (इच्छा पूरी होना)आँखें लड़ना- (देखादेखी होना, प्रेम होना)आँखें लाल करना- (क्रोध की नजर से देखना)आँखें थकना- (प्रतीक्षा में निराश होना)आँखों में खटकना- (बुरा लगना)आँखें नीली-पीली करना- (नाराज होना)आँख का अंधा, गाँठ का पूरा- (मूर्ख धनवान)आँखों की किरकिरी होना- (शत्रु होना)आँखों का प्यारा या पुतली होना- (बहुत प्यारा होना)आँखों का पानी ढल जाना- (लज्जारहित हो जाना)आँखें सेंकना- (किसी की सुन्दरता देख आँखें जुड़ाना)आँखें गड़ाना- (दिल लगाना, इच्छा करना)आँख फड़कना- (सगुन उचरना)आँख रखना- (ध्यान रखना)आँख में पानी रखना- (मुरौवत रखना)
- आँख या आँखों का तेल निकालना (महीन काम करना जिससे आँखों पर बहुत जोर पड़े) - दिन भर सुई में धागा पिरोते-पिरोते मेरी आँखों का तेल निकल गया।
- आँख - कान खुले रखना (बहुत सर्तक रहना ) - आजकल तो हमें हर जगह अपने आँख - कान खुले रखने चाहिए, वरना कोई भी दुर्घटना घट सकती हैं।
- आँख का पानी गिरना या आँख का पानी मर जाना (निर्लज्ज होना) - राजू की आँख का पानी मर गया हैं, वह तो अपने पिता के सामने भी बीड़ी पीता है।
- आँखों की पट्टी खुलना (भ्रम दूर होना) - प्रेम के आँख की पट्टी तब खुली जब ठग उसे ठगकर चला गया।
- आँखें निकालना (क्रोधपूर्वक देखना) - अरे मित्र! फूल मत तोड़ो, माली आँखें निकाल रहा हैं।
- आँखें नीची होना (लज्जित होना) - जब पुत्र चोरी के जुर्म में पकड़ा गया तो पिता की आँखें नीची हो गई।
- आँखें फाड़ कर देखना (आश्चर्य से देखना ) - अरे मित्र ! आँखें फाड़कर क्या देख रहे हो, ये तुम्हारा ही घर है।
- आँखें बंद होना (मर जाना) - थोड़ी-सी बीमारी के बाद ही उसकी आँखें बन्द हो गईं ।
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