क्षिप्रा नदी या शिप्रा नदी के किनारे पर बसा है।
यह एक अत्यन्त प्राचीन शहर है।
यह महान सम्राट विक्रमादित्य के राज्य की राजधानी थी ।
उज्जैन को कालिदास की नगरी के नाम से भी जाना जाता है।
यहाँ हर 12 वर्ष पर सिंहस्थ महाकुंभ मेला लगता है।
भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में एक महाकाल इस नगरी में स्थित है।
उज्जैन मध्य प्रदेश के सबसे बड़े शहर इन्दौर से 45 कि॰मी॰ पर है।
प्राचीन नाम अवन्तिका, उज्जयनी, कनकश्रन्गा आदि है।
उज्जैन मंदिरों की नगरी है।
यह मध्य प्रदेश का पाँचवा सबसे बड़ा शहर है।
चिन्तामन गणेश
स्थिरमन गणेश
गढ़कालिका माताजी
हरसिद्धि माताजी
कालभैरव देव
महाकालेश्वर महादेव
सिद्धनाथ वट
मंगलनाथ देव
अंगारेश्वर महादेव
राम घाट
चक्रतीर्थ गणेश
रामजानकी मन्दिर
अक्रुरेश्वर महादेव
विष्णु सागर
पुरुषोत्तम सागर
मार्कंद्देशवर महादेव
ग्याकोटा महादेव
चारधाम मन्दिर
विक्रांत भैरव
ओखलेश्वर महादेव
गोपाल मन्दिर
भर्तुहरि गुफा
सिंहेश्वर मन्दिर
वैभवलक्ष्मी मन्दिर
हनुमतेश्वर मन्दिर
भूखीमाता मन्दिर
विष्णु चतुष्टिका
छत्रेश्वरी चामुण्डा
माताजी संदीपनी
आश्रम चयवनेश्वर
महादेव गुमानदेव
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