वर्णों के उच्चारण स्थान याद रखने के लिए ट्रिक –
‘अकह विसर्ग’
कंठराम । ‘इचयश’ ये हैं तालुराम ॥
‘ऋटष’ से जानो मूर्धा जी । ‘लृतस’ पुकारो दंत जी ॥
‘उप’ आते हैं ओष्ठ
में । केवल ‘व’ दंतोष्ठ में ॥
‘ए – ए’ कंठ तालु
। ‘ओ – औ’ कहो कंठोष्ठ में ॥
नासिका से
पंचमाक्षर । जिह्वा रखो प्रकोष्ठ में ॥
वर्णों के उच्चारण स्थान याद
रखने के लिए ट्रिक –
‘अकह विसर्ग’
कंठराम । ‘इचयश’ ये हैं तालुराम ॥
अ, आ इ, ई
क, ख, ग, घ, ङ च, छ, ज, झ,ञ
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‘ऋटष’ से जानो मूर्धा जी । ‘लृतस’ पुकारो दंत जी ॥
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ट, ठ, ड, ढ,ण त,थ,द,ध
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‘उप’ आते हैं ओष्ठ में । केवल ‘व’ दंतोष्ठ में ॥
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प,फ,ब,भ,म
‘ए – ए’ कंठ तालु
। ‘ओ – औ’ कहो कंठोष्ठ में ॥
ए, ऐ ओ ,औ
नासिका से
पंचमाक्षर । जिह्वा रखो प्रकोष्ठ में ॥
ङ, ञ, ण, न, म,अनुस्वार
अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ,
ए, ए, ओ, औ, अं, अः
क, ख, ग, घ, ङ,
च, छ, ज, झ, ञ,
ट, ठ, ड, ढ, ण, (ड़, ढ़)
त, थ, द, ध, न,
प, फ, ब, भ, म,
य, र, ल, व,
श, ष, स, ह,
क्ष, त्र, ज्ञ, श्र
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