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Plastic Free India

 


प्लास्टिक का उपयोग आज हर जगह पर किया जा रहा है, भले ही हमें सब्जी लेनी हो या फिर घर की कोई भी चीज । प्लास्टिक के इसी ज्यादा यूज की वजह से प्रकृति को बहुत ही ज्यादा नुकसान हो रहा  । हम इंसानों ने ही इस प्लास्टिक का आविष्कार किया है, लेकिन हमारी इस गलती की वजह से इसका भुगतान प्रकृति को देना पड़ रहा है । हम सभी को पता है कि, प्लास्टिक कभी भी सडता नहीं है बल्कि 
जमीन के नीचे हमारे पेड़ पौधों को नुकसान पहुंचाता है ।

प्लास्टिक आज पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन चुका है ‌ओर प्रदूषण में भी प्लास्टिक का योगदान रहा है । आज अगर हमने प्लास्टिक का उपयोग करना बंद नहीं किया, तो आने वाले भविष्य में प्लास्टिक बहुत ही बड़ा चिंता का विषय बन जाएगा । चलिए दोस्तों, अब हम प्लास्टिक का यूज किस तरह से रोक सकते हैं उसके बारे में जानते हैं 

प्लास्टिक मुक्त “ India ” को कैसे बनाएं ?

यदि हमें India को प्लास्टिक मुक्त बनाना है, तो हमें कुछ नियमों का पालन करना पड़ेगा । इसमें से कुछ नियम मैं आपको बताता हूं ;

1. जितना हो सके उतना प्लास्टिक के बैग का उपयोग कम करना है, यदि हमें बाजार में से कोई भी चीज(सब्जी) लेने जानी है तो उस समय हमें हमारे साथ कपड़े की या फिर कागज की बैग साथ में रखनी है ।

2. आपको तो पता ही होगा कि शादी विवाह में खाने के लिए प्लास्टिक के डिश का यूज किया जाता है, मगर उसके बदले पितर के या फिर पारंपरिक मिट्टी के बर्तनों का यूज करना चाहिए ।

3. प्लास्टिक की पीईटीई (PETE) और एचडीपीई (HDPE) प्रकार के सामान चुनिए। यह प्लास्टिक आसानी से रिसाइकल हो जाता है।

4. आप जितना हो सके उतना कम प्लास्टिक का यूज कीजिए और जो भी प्लास्टिक आपके काम की नहीं है उसे recycle के लिए भेज दीजिए। क्योंकि इससे आपका ही फायदा होगा ।

5. प्लास्टिक को अपने विस्तार में कम करने के लिए, अपने आसपास प्लास्टिक के कम उपयोग को लेकर चर्चा करें।

Plastic Mukt Bharat Essay in Hindi 400 words

प्लास्टिक मुक्त भारत की शुरूवात 2 अक्तूबर 2019 में केंद्र सरकार ने कई बड़े शहरों से की थी आगरा, मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद, लखनऊ इन शहरों में प्लास्टिक बहुत बड़ी मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है।प्लास्टिक का प्रदूषण प्लास्टिक के कचरे से उत्पन्न होता है, इन दिनों में यह एक गंभीर रुप धारण कर चुका है और दिन-प्रतिदिन यह बढ़ता ही जा रहा है। यह हमारे इस खूबसूरत धरती पे भी कई प्रकार के शमस्याजनक प्रभाव डालता है, जिससे यह मानव जाति के लिये एक गंभीर संकट बन गया है और आज के समय में प्लास्टिक जीवन का एक अहम हिस्सा बन गया है हालांकि हर चीज़ के लिए प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जाता है, वो चाहे पानी की बोतल हो, घी, आटा, चावल , मसालें,  कपड़े हों या फिर ज़रूरत की दूसरी चीज़ें हो सभी की पैकेजिंग में प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जाता है कहि न कही इस प्लास्टिक को इंसानों के कामों को आसान करने के लिए बनाया गया था परन्तु आज यही प्लास्टिक मानव और उसकी प्रकृति के लिये एक बड़ा खतरा बन चुका है।अगर आने वाले समय में मानव जाति ने इसकी तरफ गंभीरता नही दिखाई तो ये और भी ज्यादा भयावह होने वाला है। 

एक सर्वे के अनुसार यह पता चला है कि भारत मे रोज़ाना 16000 टन प्लास्टिक कचरे  का उत्पादन किया जाता है, जिसमे से 10000 टन प्लास्टिक को इकट्ठा किया जाता है और बाकी प्लास्टिक को पोलिटीन के रुप मे,प्लेट के रुप मे,पैकेजिंग बैग्स के रुप में छोड़ दिया जाता है और वही हमारे मिट्टी को,नदियों को,नालो को बुरी तरीकों से हानि पहुँचता है। इतना ही नहीं समुद्र में भी इसकी वजह से बहाव पर असर पड़ता है और पानी के दूषित होने से मछलियों की मौत तक हो जाती है। इन सबसे बचने के लिए स्वच्छ भारत और प्लास्टिक मुक्त भारत जैसे अभियान का सफल होना बहुत जरूरी है।

यह समय आ चुका है जब हमे इस समस्या के समाधान के लिये कठोर निर्णय लेने आवश्यकता है जैसे कि हमें प्लास्टिक के उपयोग से जितना हो सके उतना बचना चाहिये,पॉलिथीन की जगह थर्माकोल या अन्य उत्पादों के वस्तुओ का इस्तेमाल कर सकते है बाजार से कुछ सामान खरीदते समय हम प्लास्टिक बैग के जगह  कपड़े या पेपर से बने बैगों का इस्तेमाल कर सकते है और हम लोगो मे जागरूकता ला कर प्लास्टिक का उपयोग काफी कम कर सकते है और हम प्लास्टिक मुक्त भारत और स्वच्छ भारत जैसे सामाजिक जागरूकता अभियान में अपना पूरा योगदान दे सकते है।





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