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अभिवादन है अपरिहार्य, विद्यार्थी इस पर न करें संकोच : शक्ति पटेल

अभिवादन है अपरिहार्यविद्यार्थी इस पर न करें संकोच : शक्ति पटेल

हमारी शैक्षिक प्रणाली जहां एक ओर शिक्षार्थियों को विषय संबंधी ज्ञान कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, वहीं दूसरी ओर नैतिक शिक्षा भी प्रदान करना इसका सर्वप्रमुख उद्देश्य है। एक शिक्षक का निरंतर यह प्रयास रहता है कि उसका हर एक विद्यार्थी विषय संबंधी ज्ञान के साथ - साथ नैतिक मूल्यों को भी मन - मस्तिष्क और चेतना में धारित करे। वर्तमान परिदृश्य में प्रायः यह देखने में आता है कि विद्यार्थी अभिवादन व्यवहार से दूरी बनाते जा रहे हैं, जिसके मुख्य कारणों में से एक उनकी संकोची प्रवृत्ति का होना है। इसी तथ्य को ध्यान में रखकर राष्ट्रपति पुरस्कारग्लोबल टीचर रोल मॉडल अवार्ड और चार स्वर्ण पदक प्राप्तकर्ता शिक्षक शक्ति पटेल ने विद्यार्थियों से आग्रह किया है कि विद्यार्थियों द्वारा शिक्षकों और अपने से बड़ों का अभिवादन करना न केवल अपरिहार्य है वरन् यह नैतिकबोध का भी सूचक है। यह ऐसा व्यवहार है जो उनकी अंतर्निहित योग्यताओं के विकास में काफी मददगार होता है। अभिवादन क्रिया की महत्ता को इस तथ्य से भी समझा जा सकता है कि इससे शिक्षक शिक्षार्थी के बीच होने वाली सकारात्मक ऊर्जा के संचार को बल मिलता है। जिस वास्तविक ज्ञानकुशल व्यवहार और सदाचरण की बात प्रायः जीवन के लिए की जाती हैउनमें समुचित अभिवादन भी शामिल है। हालांकि विद्यार्थी इसके लिए पूर्णरूप से स्वतंत्र हैं और उन्हें अभिवादन व्यवहार अपनाने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता, फिर भी यह व्यवहार अपनाना चाहिए। कई बार सामूहिकता के कारण भी विद्यार्थी यह व्यवहार अपनाने से बचने का प्रयास करते हैं, परंतु उन्हें सामूहिक अभिवादन की आदत भी धीरे - धीरे अपनाने का प्रयास करना चाहिए , क्योंकि यह समाजीकरण की प्रक्रिया का एक अभिन्न अंग है। सामाजिक विकास में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला आयाम है।  

 





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